सीएम प्रतिभा सम्मान योजना में प्रतिवर्ष 25 मेधावी छात्रों की आधी फीस होगी वापस
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भावी चिकित्सकों से समाज के गरीब और बेसहारा लोगों को बेहतर स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराने का अणु व्रत लेने की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री प्रतिभा सम्मान योजना के तहत प्रतिवर्ष 25 मेधावी छात्रों को उनकी आधी फीस की धनराशि वापस की जाएगी।
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के प्रति लोगों का बड़ा विश्वास एवं भरोसा रहता है, उन्हें उस विश्वास व भरोसे को बनाए रखना होगा।शुक्रवार को राजकीय दून मेडिकल कालेज के पहले वार्षिकोत्सव FORNIX-19 का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि दून मेडिकल कालेज में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
मेडिकल कालेज व मेडिकल चिकित्सालय आस पास हो इसके लिए मेडिकल कालेज को मण्डी स्थल पर और जगह उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने सचिव, स्वास्थ शिक्षा को निर्देश दिए हैं कि दून मेडिकल कालेज में फेकल्टी अस्थाई के बजाए स्थायी हो इसके लिए प्रयास किए जाए।
उन्होंने कहा कि स्थाई फेकल्टी मेडिकल छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने में अधिक मददगार रहेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देहरादून लघु भारत की तरह है। यहां पर देश भर के हजारों छात्र विभिन्न संस्थानो में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 9 नवम्बर को राज्य गठन के 19 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित होने वाले राज्य स्थापना दिवस पर देहरादून में वृहद भारत भारती कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देहरादून में रह रहे विभिन्न राज्यों के छात्र व अन्य लोग अपनी अपनी सांस्कृतिक गतिविधियों की प्रस्तुतियां देंगे ताकि राज्यों का वैशिष्टय यहा दिखाई दें, इसमें ‘हम सब एक है‘ तथा भारतीयता का बोध होगा।
उन्होंने कहा कि विविधता में एकता हमारी पहचान है। राष्ट्र एक भौगोलिक व सांस्कृतिक इकाई होती है तभी भारत की पहचान बनती है। हमे अपने इस स्वरूप से भावी पीढ़ी को भी परिचित कराना होगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि शीघ्र ही प्रदेश में एक रेजिंडेशियल कालेज की स्थापना की जाएगी, जिसमें मेधावी छात्रों को कक्षा 6 से प्रतियोगिता के माध्यम से प्रवेश दिलाया जाएगा। इस कालेज में छात्रों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उनके व्यक्तित्व विकास से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियों भी निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें अमीरी गरीबी के हिसाब से नही बल्कि केवल छात्रों की प्रतिभा के बल पर प्रवेश दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबको स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में पहल करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। जहां राशन कार्ड के आधार पर आम जनता का स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।