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इन आसान वास्तु टिप्स से आप कर सकतें हैं अपने सौभाग्य में वृद्धि
अपने जीवन में आखिर कौन ऐसा होगा जो सुख समृद्धि की कामना न करता होगा। हर कोई ये चाहता है कि उसके जीवन में और उसके परिवार में खुशहाली बनी रहे अगर आप भी ऐसा चाहतें हैं तो इन छोटे-छोटे उपायों से अपने सौभाग्य में वृद्धि कर सकतें हैं।
आइए जानतें है इन आसान वास्तु टिप्स को –
- तुलसी के गमले में दूसरा और कोई पौधा नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से धनहानि हो सकती है या बनते काम बिगड़ने लगतें हैं।
- तुलसी का पौधा पूर्व या उत्तर दिशा में ही लगाना चाहिए। इससे घर में शारीरिक, मानसिक, तथा आर्थिक लाभ की कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
- पलंग पर स्टील के बर्तन नहीं रखने चाहिए, ऐसा करने से स्वास्थ्य में कमी आ सकती है।
- चलते हुए आभूषण नहीं पहनने चाहिए ऐसा करने से उनकी वृद्धि में रूकावट आ जाती है।
- आभूषण सदैव पूर्व या उत्तरमुखी होकर ही पहनना चाहिए इस तरह से आभूषण पहनना सौभाग्यशाली होता है। इससे प्रतिष्ठा बढ़ती है और अपयश से सुरक्षा भी होती है।
- मकान का निर्माण कराते वक्त सबसे पहले बोरिंग, फिर चौकीदार का कमरा और बाद में बाहरी दीवार बनवानी चाहिए।
- ऐसा करने से हर काम वक्त पर पूरा होता है। जिन दवाओं का इस्तेमाल नही कर रहें हैं उन दवाओं को रात को ही फेंक देना चाहिए। इससे घर में दवाओं का आना बंद हो जाता है।
- मकान की सभी दिशाओं की अपेक्षा उत्तरी व पूर्वी दिशा में खाली स्थान ज्यादा हो तो आर्थिक उन्नति के साथ व्यापार में भी खास तौर से वृद्धि होगी।
- मकान निर्माण के समय कन्याओं का स्थान उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में ही बनवाना चाहिए। इससे कन्याओें से संबंधित कार्यों में रुकावटें नहीं आती हैं।
- कभी भी दर्पण को पश्चिम या दक्षिण की दीवार पर नहीं लगाना चाहिए। दर्पण हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को उन्नति जल्दी मिलती है।
- सुबह के समय सूर्य की किरणों का प्रवेश घर में जरूर होना चाहिए, ऐसा बहुत श्रेष्ठ माना गया है।
- उत्तर या पूर्व भाग में लॉन, सुंदर वृक्ष या फुलवारी होनी चाहिए। इसे शुभ माना जाता है।
- हमेशा पूर्व की ओर मुख करके ही ब्रश करना चाहिए।
- तोते का आना शुभ माना जाता है। इनके आवागमन से किसी तरह की कोई हानि नहीं होती है।
- बेसमेंट में दुकान या ऑफ़िस लेना आवश्यक हो तो पूर्व या उत्तर की दिशा में ही लेंना चाहिए प्लॉट के तीनों तरफ़ रास्तों का होना शुभ माना जाता है।
- फर्नीचर घर के दक्षिण या पश्चिमी भाग में होना चाहिए। ये अत्यंत लाभदायक होता है। फर्नीचर को उत्तर या पूर्वी दीवार से सटा कर नहीं रखना चाहिए।
- गृह-प्रवेश के समय वास्तुशांति हवन, वास्तु जाप, कुलदेवी-देवताओं की पूजा, बड़ों को सम्मान, ब्राह्मणों एवं परिजनों को भोजन अवश्य कराना चाहिए।
- पानी का निकास वायव्य कोण, उत्तर व ईशान कोण में रखने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।