राशियों पर सूर्य ग्रह का कैसा रहता है प्रभाव, ज़रूर पढ़ें ये खबर
सूर्य को राजा की पदवी प्रदान की गयी है, व्यक्ति की आजीविका में सूर्य का ही प्रतिनिधित्व होता है। सूर्य आत्मा कारक होता है।कुण्डली में सूर्य को पूर्वजों का कारक भी माना गया है। कहते हैं कि अपने पितरों की कृपा पानी है, तो सूर्य भगवान की आराधना करनी चाहिए।
सूर्य प्रधान जातक कार्यक्षेत्र में कठोर अनुशासन अधिकारी, उच्च पद पर आसीन अधिकारी, प्रशासक, समय के साथ उन्नति करने वाला, निर्माता, कार्यो का निरीक्षण करने वाला बनता है बारह राशियों में से सूर्य मेष, सिंह तथा धनु में स्थित होकर विशेष रूप से बलवान होता है ।सूर्य देव की क़ृपा अगर पा लिया जाए तो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल हो सकती है ।
राशियों पर सूर्य ग्रह का कैसा रहता है प्रभाव
– सूर्य देव को मेष राशि में उच्च का माना जाता है। मेष राशि के अतिरिक्त सूर्य सिंह राशि में भी उच्च का होता है।सूर्य प्रधान सभी राशियोॆ के व्यक्तियों में शासन करने की क्षमता अधिक होती है। यदि जातक की कुंडली में सूर्य बलवान तथा किसी भी बुरे ग्रह के प्रभाव से रहित है तो जातक को जीवन में बहुत कुछ प्राप्त होता है और स्वास्थ्य उत्तम होता है। सूर्य बलवान होने से जातक शारीरिक तौर पर बहुत चुस्त-दुरुस्त होता है।
– कुण्डली में सूर्य के साथ अगर चन्द्र हो तो कुण्डली का बहुत बड़ा दोष होता है ।ये अमावस्या दोष कहलाता है।इस दोष में व्यक्ति के पास सब कुछ होते हुए भी कुछ नही होता ।
– कुण्डली में सूर्य अगर पहले भाव में हो तो वह उस भाव का कारक माना जाता है। पहले भाव में सूर्य अगर बलवान हो तो व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिल सकती है या वो किसी देश का राजा हो सकता है .उच्च पद पर आसीन होता है।
– कुण्डली में सूर्य दसवें भाव में योगकारक होता है इस भाव में सूर्य राजनीति के क्षेत्र में भी ले जा सकता है।
-जिस व्यक्ति की कुण्डली में सूर्य बलवान हो तो उस व्यक्ति को पूर्वजों की सम्पत्ति बिना किसी मुश्किल से प्राप्त हो जाती है.और उसे अपने पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता है।