मायावती बुरा फंसी : 59 करोड़ का संकट, सपा चुप
हाथी की मूर्तियों को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती पर 59 करोड़ रुपए की वापसी का हाथी जैसा संकट आ गया है।
दअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने उनको उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में उद्यानों में हाथियों की मूर्तियां, बसपा के संस्थापक कांशीराम और उनकी अपनी प्रतिमाएं स्थापित करने पर खर्च हुए धन वापस करने को कहा है।
एक अनुमान के मुताबिक, चार बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने अपनी प्रतिमाओं पर 3.49 करोड़ रुपए, अपने गुरु कांशीराम की प्रतिमाओं पर 3.77 करोड़ रुपए और अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियों पर 52.02 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपक गुप्ता की पीठ ने अपनी राय में कहा, “महोदया मायावती इन मूर्तियों पर खर्च धन की प्रतिपूर्ति सरकार के खजाने को करें।”
गठबंधन के घटक दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी उनको खुद बचाव करने को छोड़ दिया है जिससे उनकी समस्या बढ़ गई है। बुआ जी पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते रहने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पास अब कोई सवाल नहीं है।
उन्होंने कहा, “मैंने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बारे में पूरा नहीं पढ़ा है। बसपा के वकील मसले से निबटेंगे।” मामले को अंतिम फैसले के लिए दो अप्रैल को सूचीबद्ध किया गया है।