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आज है काल भैरव अष्टमी, जानिए किस वजह से खास है यह तिथि

कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इस बार यह अष्टमी 29 नवंबर यानी कि आज पड़ रही है।

भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले बाबा काल भैरव का संबंध काशी से रहा है इसलिए इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है।कालभैरव जयंती को कालाष्टमी भी कहा जाता है।

कहते हैं कि इस दिन काल भैरव की पूजा करने से इंसान की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और सभी संकटों से निजात भी मिलता है। इस दिन कवच का पाठ करना भी बहुत लाभकारी माना जाता है।

पुराणों के अनुसार भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठ होने का विवाद हुआ, जिसे सुलझाने के लिए सभी देवता और मुनि शिव जी के पास पहुंचे। सभी की सहमति से शिव जी को श्रेष्ठ माना गया, परंतु ब्रह्मा जी इस फैसले से खुश नहीं थे। उन्होंने अपने अंहकार के चलते शिव जी को अपशब्द कहे, जिसे सुनकर शिव जी को गुस्सा आया और जिसके चलते कालभैरव का जन्म हुआ।

कालभैरव का व्रत करने के लिए सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प करें और उनके मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें। व्रती पूरे दिन उपवास रखें और उनके मंत्रों का जाप करें।

क्या है कालाष्टमी मंत्र –

अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातमर्हसि।।

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