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जानिए अहोई अष्टमी के चित्र का महत्व, माँ को लगाएं हलवा पूड़ी व चने की सब्जी का भोग

31 अक्टूबर 2018 को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी है। आज अष्टमी का चांद है, अष्टमी की चांदनी में अहोई अष्टमी मनाई जाती है।

इस अष्टमी पर महिलाएं अपने बच्चों की रक्षा के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसके साथ ही निःसंतान महिलाएं संतान पाने के लिए व्रत करती है।

कैसे बनाए अहोई अष्टमी का चित्र , जानिए इस चित्र का महत्व

आठ कोणोंवाली पुतली बनाएं

लाल सिंदूर से पुतली बनाएं

पुतली के पास स्याउ माता होती है

अगल बगल छोटे बच्चे बनाए जाते हैं, इस दिन माताएं बिना अन्न जल ग्रहण किए स्याउ माता की पूजा करती है

स्याउ माता बेटे बेटी को दीर्घाऊ बनाती हैं

स्याउ माता की कृपा से पुत्र पुत्री का जीवन सुखी होगा

अहोई अष्टमी पूजा की पूरी विधि 

महिला और उनके बच्चे स्याउ माता के पास एकत्रित हो जाएं

माता और बच्चों को सिंदूर का तिलक लगाएं

बच्चों को हाथ में कलावा बांधें, व इसके बाद पूजा चित्र के सामने धुप दीपक जलाएं

सबसे पहले लाल फूल से पूजा करें, माता को हलवा पूड़ी और चने की सब्जी का भोग लगाया जाता है

कपूर से माता की आरती उतारें, माता से संतान मांगे या संतान की दीर्घायु की कामना करें

 

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