उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति उप योजना की प्रगति की समीक्षा बैठक की है।
इस बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह ने सभी सचिव और विभागाध्यक्षों को योजनाओं की वित्तीय प्रगति के साथ-साथ भौतिक प्रगति भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने हर माह की 05 तारीख को प्रत्येक दशा में मासिक प्रगति रिपोर्ट अनुसूचित जाति एवं जनजाति नियोजन प्रकोष्ठ को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह ने दुग्ध विकास, लघु सिंचाई, सिंचाई, ऊर्जा, उरेडा, परिवहन, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, युवा कल्याण, ऐलौपैथिक, ग्राम्य विकास, पेयजल, आईसीडीएस और सेवायोजन विभाग की ओर से हर माह अक्टूबर की प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध न कराने पर नाराज़गी जताई है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी विभाग ने बजट का शत प्रतिशत उपयोग सम्भव न हो तो वे संबंधित सूचना अनुसूचित जाति एवं जनजाति नियोजन प्रकोष्ठ को उपलब्ध करा दें।
अनुसूचित जाति उप योजना में 2018-19 में 1460.96 करोड़ रूपए का प्राविधान है। जिसके सापेक्ष अब तक विभिन्न विभागों की कई योजनाओं में 563.72 करोड़ रूपए की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। इसके सापेक्ष सितम्बर माह तक 175.51 करोड़ रूपए व्यय किया जा चुका है। जबकि अनुसूचित जनजाति उप योजना में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 477.03 करोड़ का प्राविधान है,जिसके सापेक्ष 204.52 करोड़ रूपए की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है और सितम्बर माह तक 70.57 करोड़ रूपया उपयोग किया जा चुका है।