World Mental Health Day 2018 : ”चिंता, चिता के समान है”, आज ही पहचाने इन 6 लक्षणों को
वर्ल्ड मेंटल डे पर पहचाने डिप्रेशन के लक्षण और रहें मानसिक स्वस्थ
हम शरीर को लेकर क्या कुछ नहीं करते, अनेकों तरह के उपाय करते हैं, लेकिन दिमाग को दुरुस्त रखने के लिए कुछ भी नहीं करते। दिमागी बीमारियों के शुरुआती लक्षण दिखाई ही नहीं देते हैं। जब ऐसी बीमारियां विकराल रूप ले लेती हैं तब हम इन्हें लेकर जागरुक होते हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
तनावग्रस्त जीवनशैली में बिगड़ने मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसके प्रति जागरूकता पैदा करने और इससे बचने के उपायों पर विचार करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में ”World Mental Health Day” के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरे विश्व के सरकारी और सामाजिक संगठनों द्वारा तनावमुक्ति विषय पर कार्यक्रम आयाजित किए जाते हैं। विकास की दौड़ में भागती जीवनशैली से उपजे तनाव के प्रति चिंता व्यक्त कर, उससे बचने और दूर करने के बारे में विचर विमर्श किया जाता है। साथ ही इसके प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए कई तरह के आयोजन किए जाते हैं।
अधिकतर हमारी रोजमर्रा के आने वाले बदलाव को अक्सर हम जान ही नहीं पाते हम डिप्रेशन से कब घिर जाए हम जान ही नहीं पाते अगर आपको कभी खुद या दूसरों में यह हरकत महसूस हो या पाई जाए तो यह डिप्रेशन के लक्षण माने जाते हैं। इसलिए आज world mental health day पर हम आपको वो खास तरीके बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप मांसिक बीमारियों के लक्ष्ण आसानी से पहचान सकते हैं।
डिप्रेशन के लक्षण-
1.रोगी की जो रोजमर्रा की आदत है उसमें बदलाव दिखना।
2.नींद ना आना।
3.परेशानी के साथ-साथ बहुत ज्यादा थकान महसूस करना।
4.हर समय परेशान परेशान देखना।
5.अपने परिजनों से दोस्तों से दूरी बनाए रखना।
6.अकेले में ज्यादा रहना पसंद करना।
कब हुई थी world mental health day की शुरूवात-
‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ (वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ) ने विश्व के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को यथार्थवादी बनाने के लिए वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की स्थापना की थी।