उत्तराखंड : फूड प्रोसेसिंग, ई-रिक्शा व दूसरे छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों में निवेश की बढ़ी सम्भावनाएं
मैन्यूफैक्चरिंग इंवेस्टर्स समिट की गोष्ठी में शहरी विकास मंत्री/शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने उद्योगपतियों को दी ज़रूरी जानकारी
उत्तराखंड में छोटी ईकाइयों और कुटीर उद्योगों के विकास के लिए विशेष रूप से मैन्यूफैक्चरिंग इंवेस्टर्स समिट की गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में मौजूद उद्योगपतियों को प्रदेश सरकार की ज़रूरी नीतियों की जानकारी दी गई।
मैन्यूफैक्चरिंग इंवेस्टर्स समिट की गोष्ठी में शहरी विकास मंत्री/शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा,” उत्तराखंड में छोटी छोटी ईकाइयों और उत्पादों के माध्यम से रोजगार सृजन, औद्योगिक विस्तार के माध्यम से प्रदेश की आर्थिक विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।”
उन्होंने आगे कहा कि देश विदेश के उद्योपतियों का रूझान प्रदेश की ओर बढ़ा है, यह हमारे लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग के अलावा ई-रिक्शा व अन्य छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों में निवेश की सम्भावनाएं है।
शहरी विकास मंत्री ने आगे कहा कि उत्तराखंड में उद्योग स्थापित करने के लिए अनुकूल वातावरण है। प्रदेश सरकार द्वारा उद्योगपतियों को उद्योग स्थापित करने के लिए हर सम्भव सहायता की जा रही है। उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रखते हुए 10 पाॅलिसियां बनाई गई हैं।
प्रदेश में पीरूल नीति, पर्यटन नीति, आयुष नीति, बायोटेक्नालाजी नीति बनाई गई है। उत्तराखंड में उद्योग स्थापित करने के लिए उद्योगपतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। नीतियों में उद्योगपतियों को जहां परेशानी होगी, उद्योगपतियों से विचार-विमर्श कर नीतियों में संशोधन किया जाएगा।
प्रदेश में उद्योगों को 24 घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए प्रयास किये जा रहे है। प्रदेश में सड़क, बिजली आपूर्ति, हवाई सेवाएं आदि सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। रूद्रपुर में बाईपास बनाने के लिए सर्वे किया जा रहा है। हरिद्वार में बाईपास बनाने हेतु डीपीआर बनायी जा रही है। फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में भी प्रदेश में अपार संभावनाएं है। वर्तमान में 300 से अधिक छोटी-बडी इकाईयां राज्य में स्थापित है। जिनमें एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। गोष्ठी में शहरी विकास मंत्री ने कहा।