World Heart Day 2018 : ये 6 लक्षण देते हैं हार्ट अटैक के संकेत, कहीं आप भी इसके शिकार तो नहीं
अगर आप में भी हैं यह लक्षण तो हो जाए सावधान हार्ट अटैक दे सकत है दस्तक
नई दिल्ली। हार्ट अटैक तब पड़ता है जब दिल तक खून पहुंचाने वाली किसी एक या एक से अधिक धमनियों में जमे वसा के थक्के के कारण रुकावट आ जाती है। खून नहीं मिलने से दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। यदि जल्दी ही खून का प्रवाह ठीक नहीं किया जाए तो दिल की मांसपेशियों की गति रूक जाती है। दिल का दौरा इन थक्कों के फट जाने से होती हैं और मौत हो जाती है। ऐसे रोगों का कारण सिर्फ तनाव है, जिससे निजात पाने के लिए लोग धूम्रपान, नींद की दवाएं, शराब का सेवन करने लगते हैं। आज वर्ल्ड हार्ट डे के अवसर पर आपको बताएंगे की कैसे आप इस बीमारी का पता लगा कर छुटकारा पा सकेंगे।
Heart Attack के लक्षण-
बिना मेहनत किए थकान-
हार्ट अटैक आने से करीब 20-25 दिन पहले से ही शारीरिक थकान महसूस होने लगती है। इसका सीधा सा अर्थ है कि हार्ट अटैक दस्तक दे रहा है। नतीजा थकान के रूप में हमारे शरीर पर हावी होने लगता है। इस स्थिति में अक्सर रात को अच्छी गहरी नींद सोने के बावजूद सुबह उठने पर फ्रेशनेस का अहसास नहीं होता। आपको लगातार आलस और थकान महसूस होती रहती है।
पैरों या शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन-
जब दिल को शरीर के सभी अंगों में रक्त पहुंचाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, तब शरीर में मौजूद शिराएं फूल जाती हैं। उनमें सूजन आने की आशंका बढ़ जाती है। खासतौर पर पैर के पंजों में या फिर टखनों पर सूजन जल्दी नजर आ जाती है। वहीं यह सूजन शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित करती है। कभी-कभी होंठों पर नीलापन आने लगता है।
पसीना आना-
सामान्य से अधिक पसीना आना खासतौर पर तब, जब आप कोई शारीरिक क्रिया नहीं कर रहे तो ये आपके लिए एक चेतावनी हो सकती है।
हमेशा सर्दी बने रहना-
लंबे समय से सर्दी का ठीक न होना, ऐसे लक्षण नजर आए तो यह भी हार्ट अटैक का ही एक लक्षण है। जब दिल, शरीर के आंतरिक अंगों में रक्त संचार के लिए ज्यादा मेहनत करता है, तब फेफड़ों में रक्त की संभावना बढ़ जाती है।
सांस लेने में तकलीफ-
यदि आपको सांस से संबंधित कोई बीमारी नहीं है। लेकिन कुछ दिनों से आप महसूस कर रहे हैं कि सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जब दिल अपना काम सही तरीके से नहीं करता है, तो फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचना मुश्किल होने लगता है। यही कारण है कि आपको सांस लेने में दिक्कत होनी शुरू हो जाती है।
चक्कर आना-
आपका दिल कमजोर होने लगता है। नतीजा रक्त संचार प्रभावित होता है। जिससे दिमाग को सही मात्रा मे ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। इसका परिणाम चक्कर आने की स्थिति पैदा करता है।