मिलावटी दूध पीने से भारत की 87 फीसदी आबादी पर मंडरा रहा कैंसर का खतरा
एनीमल वेलफेयर बोर्ड ने दूध को लेकर ऐसी बातें बताई हैं,जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे
एनीमल वेलफेयर बोर्ड ने दूध को लेकर ऐसी बातें बताई हैं,जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे। बोर्ड के मुताबिक देश में बिकने वाला 68.7 फीसदी दूध और दूध से बना प्रोडक्ट मिलावटी है। यह फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की ओर से तय मानकों से कहीं भी मेल नहीं खाता है।
साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री के एक बयान का हवाला देते हुए एनीमल वेलफेयर बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया ने कहा कि मिलावट वाले करीब 89 फीसदी प्रोडक्ट में एक या दो तरह की मिलावट होती है। 31 मार्च 2018 देश में दूध का कुल उत्पादन 14.68 करोड़ लीटर रोजाना रिकॉर्ड किया गया, जबकि देश में दूध की प्रति व्यक्ति खपत 480 ग्राम प्रति दिन ठहरती है। सीधे तौर पर यह गैप करीब 68 फीसदी का ठहरता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिलावटी दूध के खिलाफ हाल ही में भारत सरकार के लिए एडवायजरी जारी की थी। इसमें कहा गया कि अगर दूध और दूध से बने प्रोडक्ट में मिलावट पर लगाम नहीं लगाई गई तो साल 2015 तक देश की करीब 87 फीसदी आबादी कैंसर की चपेट में होगी।
उन्होंने कहा कि उत्तर के राज्यों में दूध में ज्यादा मिलावट देखी गई है जबकि दक्षिण भारत में ऐसा कम है। उन्होंने कहा कि दूध में डिटर्जेंट तक मिलाकर बेचा जा रहा है। इसके सेवन से व्यक्ति का शरीर काम करना बंद कर सकता है। इसके अलावा भी डिटर्जेंट वाला दूध पीने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।