बच्चों में कुपोषण और महिलाओं में एनीमिया के खतरे को खत्म करेगा पोषण अभियान
गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं और तीन साल के कम आयु के बच्चों को राष्ट्रीय पोषण मिशन में किया गया शामिल
उत्तराखंड में ठिगनापन, अल्पपोषण दूर करना व छोटे बच्चों, महिलाओं एवं किशोरियों में एनीमिया की परेशानी को जड़ खत्म करने के लिए एक महाअभियान की शुरूआत हो चुकी है ।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को देहरादून में आईसीडीएस विभाग के राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत राज्य स्तरीय कार्यशाला व पोषण अभियान की शुरूआत की है। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के प्रकाशित कैलेंडर व पोषण गीत का विमोचन किया।
राष्ट्रीय पोषण मिशन का उद्देश्य ठिगनापन, अल्पपोषण दूर करना व छोटे बच्चों, महिलाओं एवं किशोरियों में एनीमिया को कम करना है। इस योजना में गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं और तीन साल के कम आयु के बच्चों को शामिल किया जाएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना व राष्ट्रीय पोषण अभियान की मदद से महिला व बाल कुपोषण को समाप्त करने के प्रभावी प्रयास किए जा रहे है। उत्तराखंड के परम्परागत पर्वतीय खानपान पौष्टिक तत्वों से भरपूर है। हमारा स्थानीय अनाज, सब्जियॉं, वनों से मिलने वाले फल-फूल, वनस्पति, अत्यन्त पौष्टिक है। हमारे बुर्जुगों ने खानपान की स्वास्थ्यवर्द्धक परम्पराओं को अपनाया था। खानपान की दृष्टि से हम परम्परागत रूप से सम्पन्न है।”
कार्यक्रम में इस बाट की जानकारी दी गई कि हर माहीने की 05 तारीख को वजन एवं पोषण दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिस दिन समस्त लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से पोषाहार वितरित किया जाता है। राज्य में ‘खिलती कलियां’ कुपोषण से मुक्ति के लिए अभियान के तहत अभिनव प्रयोग के तौर पर कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों के लिए स्थानीय खाद्यान्नों पर आधारित पूरक पोषाहार की सामग्री तैयार की गई है।
” महिलाओं को स्वस्थ्य, शिक्षित व जागरूक बनाकर ही सम्पूर्ण समाज का विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। स्वस्थ एवं सशक्त मॉं ही बच्चों का बेहतर पालन-पोषण कर सकती है और सशक्त नई पीढ़ी का निर्माण कर सकती है। राज्य सरकार 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेन्टर के रूप में विकसित कर रही है। इनमें से 107 को चयन कर लिया गया है।” सीएम त्रिवेंद्र ने आगे कहा।
कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्य को कुपोषण मुक्त करने के लिये मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान आरम्भ किया गया है। समेकित बाल विकास सेवाओं के तहत टेक होम राशन अनुपूरक पोषाहार के रूप में वितरित किया जा रहा है।
” कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों के लिए स्थानीय खाद्यान्नों पर आधारित पूरक पोषाहार की सामग्री पहले चरण में देहरादून जनपद से शुरू किया गया, जिसका परिणाम सकारात्मक रहा है। सफल परिणाम के बाद, राज्य के सभी जनपदों में कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों को इसे उपलब्ध करवाया जा रहा है, ताकि बच्चों को अतिरिक्त पोषक तत्व खिलाकर कुपोषण से मुक्त किया जा सकें।अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा।