पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सेवाएं देने के लिए उत्तराखंड सरकार ने तैयार किया नया खाका
राज्य में शुरू होगा उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, बनाए जाएंगे ई-हॉस्पिटल
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने लिए उत्तराखंड सरकार ने नया खाका तैयार कर लिया है। उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के ज़रिए यह काम किया जाएगा। विश्व बैंक की इस परियोजना के लिए 120 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं।
इसको लेकर मुख्य सचिव, उत्तराखंड उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में प्रोजेक्ट गवर्निंग बॉडी की बैठक हुई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि ऐसी कारगर व्यवस्था की जाए कि मरीज़ों को इलाज के लिए दूर न जाना पड़े। खासतौर पर सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में जिला अस्पतालों में जांच और इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। परियोजना की लगातार मॉनिटरिंग और मूल्यांकन की भी ज़रूरत है।
” देश में पहली तरह की यह परियोजना लागू की जा रही है। यह चिकित्सा के क्षेत्र में यह गेम चेंजर साबित होगा। अल्मोड़ा हॉस्पिटल को ई-हॉस्पिटल बनाने के बाद अब सभी अस्पतालों को ऑनलाइन किया जा रहा है। जल्द ही सरकारी अस्पतालों में ई-पर्ची की व्यवस्था लागू की जाएगी।” सचिव चिकित्सा नितेश कुमार झा ने आगे बताया।
उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के बारे में सचिव चिकित्सा नितेश कुमार झा ने बताया कि पूरे प्रदेश का ई हेल्थ रिकॉर्ड बनाने के लिए सर्वे किया किया जा रहा है। स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए क्लस्टर मोड में काम शुरू किया गया है। पहले क्लस्टर के रूप में टिहरी जनपद का चयन किया गया है।
उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट परियोजना के तहत निजी क्षेत्र के सहयोग से नई पहल को लागू किया जाएगा। इसमें हेल्थ केयर की एकीकृत सेवाएं और हेल्थ केयर वित्त पोषण में नई पहल शामिल है। इसके साथ ही चिकित्सा व्यवस्था में सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे।
” निजी क्षेत्र का सहयोग परफॉरमेंस के आधार पर लिया जाएगा। अस्पतालों में मरीजों की संख्या देखी जाएगी। नेशनल एक्रीडिशन बोर्ड फ़ॉर हॉस्पिटल के मानकों के अनुरूप मूल्यांकन किया जाएगा। मरीजों की संतुष्टि भी परखी जाएगी।आपदा की स्थिति में अस्पताल की तैयारी देखी जाएगी। परियोजना को आयुष्मान भारत से भी जोड़ा जाएगा।” नितेश कुमार झा ने आगे बताया है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव रंजीत सिन्हा, परियोजना निदेशक युगल किशोर पंत सहित अधिकारी मौजूद थे।