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सिगरेट से ज्यादा फ्लेवर्ड और हर्बल हुक्का होता है इतना खतरनाक, जानकर आप भूल जाएंगे कश

लोगों में हुक्‍का पीने का शौक कोई नया नहीं है, यह शौक तो राजओं और महाराजाओं के ज़माने से चला आ रहा है। भारत में आज कल हर छोट बडे़ शहरों और मॉल्‍स में हुक्‍का बार या शीशा लाउंज पॉपुलर होते नज़र आ रहे हैं। स्‍कूल और कॉलेज के बच्‍चे हुक्‍के का एक कश नहीं बल्‍कि हज़ार कश लेते हुए दिखते हैं।

 

हर्बल हुक्का के नाम पर आप  जैसे – मिंट, जैस्मिन और स्ट्रॉबेरी के कश इसकी गुड़गुड़ाहट का मज़ा ले रहे है, तो संभल जाइये।  हर्बल हुक्का भले ही कुछ पल के लिए रिफ्रेश फील करते हों लेकिन लंबे समय में इसका इफ़ेक्ट उल्टा होने वाला है। ये हुक्का किसी जहर या ड्रग से कम नहीं है। इसके कश आपके दिल को कमजोर कर स्‍ट्रोक का खतरा पैदा करते हैं सिगरेट की तरह इसमें भी निकोटीन होता है। जिससे आप हुक्‍का पीने के आदी हो सकते हैं, ठीक जैसे ड्रग एडिक्शन के खतरे भी काफी होते है।

सिगरेट से ज्यादा खतरनाक हैं फ्लेवर्ड और हर्बल हुक्का-

फ्लेवर्ड और हर्बल हुक्का के नाम पर आपकी बॉडी में हर कश के साथ 4000 से अधिक केमिकल जा रहे हैं। ये केमिकल इतने खतरनाक हैं कि इनसे कैंसर तक होने की संभावना है। सिगरेट और दूसरे तंबाकू की तरह ही ये भी उतना ही नुकसानदेह है। दुबई, अमेरिका, यूएई और फ्रांस जैसे देशों ने इसके साइड इफेक्ट को देखते हुए हुक्‍के को अपने देश मे प्रतिबंधित कर दिया है।

डॉक्टरों की मानें, तो हुक्के के साइड इफेक्ट से अस्थमा अटैक, ब्रॉन्‍काइटिस, लंग्स कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, हार्ट डिजीज के साथ आपकी याददाश्त भी कमजोर हो सकती है। स्ट्रोक का खतरा भी तेजी से बढ़ता है। अगर प्रेग्‍नेंट लेडीज इस लत की एक्टिव या पैसिव शिकार हैं तो होने वाला बच्चा कम वजन का और कमजोर पैदा हो सकता है।

हुक्के से निकलने वाला धुआँ सिगरेट या बीड़ी के धुएँ से अधिक घातक होता है। हुक्के का धुआँ हानिकारक नहीं होता। धुएं से भरा पानी आपके फेफड़े को बिल्‍कुल सिगरेट की तरह नुकसान पहुंचा सकता है। पानी धुएँ को फिल्टर नहीं करता। तंबाकू के धुएँ में ४००० तरह के जहरीले रसायन होते हैं। हुक्के से खींचा गया तंबाकू का धुआं पानी से होता हुआ एक लंबे होज पाइप के जरिए फेफड़ों तक पहुँचता है।

कुछ ऐसे तैयार होता है ये जहर
मैलेशिश (शीरा) को हुक्के के जार में भरकर ऊपर रखी प्लेट में टेबोनल या मसाल या जर्क डाला जाता है। फिर इसे नीचे बर्नर से गर्म किया जाता है। हुक्का पाइप से ये कश शीरा में होता हुआ सीधे मुंह में पहुंचता है। यही शीरा बॉडी में पहुंचकर खतरनाक रोगों को दावत देता है।

हर कश के साथ केमिकल ले रहे हैं आप
हुक्के में एसि‍टोन, अमोनिया, मीथेनॉल, पाइरीन, डाई मिथाइल, नाइट्रो सैमीन, नैफ्थैलीन, कैडमियम, कार्बन डाइमोनोऑक्साइड, बेंजोपाइरीन, क्लोराइड, हाइड्रोजन साइनायड, आर्सेनिक, डाय बैंजो क्रीडीन, फिनोल, ब्यूटेन, पोलोनियम और डीडीटी जैसे केमिकल होते हैं।

 

 

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