देवभूमि में आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनाओं में आएगी तेज़ी
उत्तराखंड में प्रो एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन की पीएम मोदी ने की समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उत्तराखंड में प्रगति (प्रो एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने बैठक में उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में चलाई जा रही आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनाओं पर अधिक ज़ोर दिया।
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से छुटमलपुर-गणेशपुर और रुड़की-छुटमलपुर-सहारनपुर-यमुना
अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने प्रधानमंत्री को बताया,” उत्तराखंड में 30.98 किलोमीटर हिस्सा पड़ता है। इसमें से 25 किलोमीटर का भूमि अर्जन हो गया है। शेष भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है। 20 सितम्बर 2018 तक सम्पूर्ण भूमि एनएचएआई को दे दी जाएगी।”
उन्होंने आगे कहा कि मार्ग में पड़ने वाली संरचनाओं को हटा दिया गया है। 28 फरवरी 2018 से सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। पहला माइलस्टोन तय समय से पहले पूरा कर लिया गया है।
आयुष्मान भारत योजना के बारे में अपर मुख्य सचिव ने प्रो एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन बैठक के दौरान यह जानकारी दी कि स्टेट हेल्थ एजेंसी का गठन कर दिया गया है। मुख्य कार्यकारी की तैनाती कर दी गई है। बीआईएस(बेनेफिशरी आइडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर) की सफलतापूर्वक टेस्टिंग रुद्रप्रयाग और पौड़ी जनपद में कर ली गई है। शेष जनपदों में 31 अगस्त तक पायलट टेस्टिंग पूरी कर ली जाएगी।
” प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान यानि आयुष्मान भारत के अन्तर्गत उत्तराखण्ड में 5.37 लाख परिवार चिन्ह्ति किए गए हैं। इन परिवारों को हर साल पांच लाख रुपए तक मुफ्त चिकित्सा उपचार का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा राज्य के 2.60 लाख राजकीय कर्मचारियों, अधिकारियों, सेवानिवृत्त कार्मिकों और उनके आश्रितों को भो असीमित स्तर का बीमा कवर दिया जाएगा।” अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने प्रधानमंत्री को आगे बताया।
बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि आयुष्मान उत्तराखंड के अंतर्गत 1350 प्रकार के रोगों का उपचार किया जाएगा। योजना के सफल संचालन के लिए चिन्हित आयुष्मान मित्रों की तैनाती की जाएगी। अब तक 56 सरकारी और छह निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है।