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‘देवभूमि में महाकुम्भ को प्लास्टिक मुक्त बनाएगी उत्तराखंड सरकार’

वर्ष 2019 तक गौमुख से लेकर राज्य की अंतिम सीमा में गंगा को गंदे नालो से किया जाएगा मुक्त

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रविवार को हरिद्वार में आयोजित ‘इनोवेशन समिट’ में शामिल हुए। हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण व टैक्नोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से हरिद्वार में आयोजित होने वाले आगामी महाकुम्भ को भव्य रूप से आयोजित करने के उद्देश्य से इस दो दिवसीय ‘इनोवेशन समिट’ का अयोजन किया गया है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ” इस महाकुम्भ का सफल आयोजन शासन-प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। यह देश और प्रदेश के लिए एक अवसर भी है। कुम्भ न केवल भारत बल्कि विश्व की आस्था का केंद्र भी है। प्लास्टिक गृह में परिवर्तित हो रही पृथ्वी की रक्षा के लिए आने वाले महाकुम्भ को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने बैठक में आगे कहा कि प्रदेश सरकार बनने के बाद सबसे पहली चर्चा कुम्भ मेला को सफलतापूर्वक संपन्न कराने की थी।  प्रदेश के शहरी विकास मंत्री द्वारा जिला प्रशासन और संत समाज के साथ मिलकर इस पर समय से कार्य और बातचीत भी शुरू कर दी गई है। इस समिट के माध्यम से आज जो भी प्लान और संसाधन कुम्भ की दृष्टि से आवश्यक समझते हो, उन्हें उपलब्ध कराएं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी वर्ष 2019 तक प्रदेश में गौमुख से लेकर राज्य की अंतिम सीमा में गंगा को गंदे नालो से मुक्त किया जाएगा। प्रदेश में गौवंश को सड़कों पर आवारा, घायल तथा बीमार होने से बचाना भी सरकार का लक्ष्य है, जिसे सरकार जल्द प्राप्त करेगी।

कार्यक्रम में देश के कई कुम्भ क्षेत्रों में मेला सम्पन्न कराने वाले विशेषज्ञ अधिकारियों ने अपने अनुभाव और वर्ष 2021 हरिद्वार कुम्भ को और अधिक व्यवस्थित बनाने के लिए विचार भी साझा किए गए।

बैठक में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेले को ऐतिहासिक बनाया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मिलकर हरिद्वार में रिंगरोड की मांग रखी गई है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री ने सहमति व्यक्त की है। वर्ष 2021 से पहले राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण कर केन्द्र सरकार को उपलब्ध कराएगी। मेला क्षेत्र का विस्तार बिजनौर रोड की तरफ किया जाएगा।

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