उत्तराखंड में रिस्पना नदी को बचाने और उसे एक नया जीवन देने के लिए हजारों की संख्या में बच्चों, युवाओं, महिलाओं व बुजुर्गों ने मिलकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ पौधरोपण महाअभियान शुरू किया ।
इस अभियान में 2.50 लाख पौधों का रोपण किया गया। इसकी शुरूआत केरवान गांव से की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मोथरोवाला में भी पौधारोपण किया। मोथरोवाला में रिस्पना के किनारे सद्भावना वाटिका बनाई जा रही है। इस अभियान को देहरादून के सभी शिक्षण संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं, विभिन्न संस्थानों, विभागों के साथ ही आम जनता की मदद से चलाया गया ।
रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा के स्वरूप में पुनर्जीवित करने के अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने सभी से मिल रहे सहयोग पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि बरसात में भी बच्चे, युवा, महिलाएं, बुजुर्ग सभी लोग जिस उत्साह से भाग ले रहे हैं उससे पूरा विश्वास है कि हम नदियों के पुनर्जीवन में अवश्य सफलता प्राप्त करेंगे।
” जब ब्रिटेन के लोग एक भगीरथ प्रयास से टेम्स जैसी नदी को साफ कर सकते हैं, तो क्या उत्तराखंड के लोग बड़ा जन अभियान से रिस्पना की सूरत नहीं बदल सकते ? मुझे पूरा विश्वास है, आपके सहयोग, आपकी ऊर्जा और इस पुण्य भावना के साथ हम रिस्पना और कोसी का उत्थान करके ब्रिटेन के लोगों की तरह दुनिया के लिए एक आदर्श उदाहरण बनेंगे।” मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आगे कहा।
मिशन रिस्पना टू ऋषिपर्णा में नगर निगम, वन, इको टास्क फोर्स, सिविल डिफेंस, सेना, आईटीबीपी के साथ ही लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, जल संस्थान, सूचना विभाग, जिला आपूर्ति, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, पेयजल जैसे जनपद के सभी विभागों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
देहरादून के जिलाधिकारी एस.ए.मुरूगेशन ने इस मौके पर बताया कि मिशन रिस्पना टू ऋषिपर्णा अभियान के तहत 22 जुलाई को केरवान गांव और उसके आसपास 39 ब्लॉक में खड़ीक, अमलतास, कनजी, कंजू, शीशम, कचनार, बांस, बेलपत्र, संदन, आंवला, हरड़, बहेड़ा, तेजपात, महल, टिकोमा, पिलन में 18 से अधिक प्रजातियां के वृक्षों का रोपण किया गया।
” ज़िले में अभियान के लिए नामित किए गए नोडल अधिकारियों के माध्यम से राजकीय उद्यान सर्किट हाउस नर्सरी से कटहल, आम, अमरूद, संतरा, कागजी नींबू, लीची, किन्नू, बारहमासी जैसे फलदार पौधों को जनपद के कई सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों के बच्चों को वितरित किए गए थे।” एस.ए.मुरूगेशन ने आगे बताया।
रिस्पना टू ऋषिपर्णा अभियान में कई केंद्रीय संस्थानों, राज्य में स्थित संस्थान, गैर सरकारी व सरकारी विद्यालयों के साथ ही कई गैर सरकारी संगठन और मीडिया की भी अहम भूमिका रही।