मानसून सत्र में महिला आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस-भाजपा में हो सकती है सियासी जंग
वर्ष 2010 में राज्यसभा से पारित होने के बाद से अटका है महिला आरक्षण बिल
संसद के मानसून सत्र से पहले कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल को लेकर मोदी सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि भाजपा-एनडीए के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है और अब वक्त आ गया है कि महिला आरक्षण बिल पारित कराया जाए।
पीएम को लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि वर्ष 2010 में राज्यसभा से पारित होने के बाद से महिला आरक्षण बिल अटका है।इसमें देरी हुई तो महिला आरक्षण बिल का लाभ आधी आबादी को अगले लोकसभा चुनाव में नहीं मिल पाएगा।
संसद सत्र में महिला आरक्षण बिल पर सियासत गरमाने की कांग्रेस की तैयारी का अंदाजा इसी से लगाई जा सकती है कि एक तरफ राहुल ने पत्र लिखा तो दूसरी तरफ महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव की अगुवाई में पार्टी के महिला मोर्चे ने बिल पारित कराने की मांग करते हुए मार्च निकाला।
कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा के वर्ष 2014 के चुनावी वादे में महिला बिल शामिल होने की बात कहते हुए महिला सशक्तीकरण को लेकर पीएम को उनके बयानों की याद भी दिलाई है। राहुल ने कांग्रेस की ओर से महिला आरक्षण बिल के समर्थन में 32 करोड़ महिलाओं व पुरुषों के हस्ताक्षर जुटाने की बात कहते हुए पीएम से आग्रह किया है।