उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड को वेलनेस डेस्टीनेशन के तौर पर विकसित करने का प्रयास किया जाना है। इसके लिए विश्व स्तरीय पर्यटन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए जाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारत सरकार के सहयोग से इस दिशा में बड़ी पहल की गई है। समावेशी विकास के लिए दुर्गम व पर्वतीय क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रचर सुधार पर फोकस किए जाने की ज़रूरत है। मुख्यमंत्री, मुंबई स्थित एनसीपीए में एशियन इन्फ्रास्ट्रचर इन्वेस्टमेंट बैंक की तीसरी बैठक में ‘विजन ऑफ इन्फ्रास्ट्रचर डेवलपमेंट इन इंडिया’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ” उत्तराखंड एक विकास आकांक्षी राज्य है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश की व्यापक सम्भावनाएं हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से सड़क, रेल, हवाई सेवाएं पिछले कुछ समय में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की गई हैं। ऑल वेदर रोड़ से उत्तराखंड की आर्थिकी में बड़ा बदलाव आएगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सारी दुनिया, योग की शक्ति को मानने लगी है। उत्तराखंड में योग व आयुर्वेद के क्षेत्र में बड़ी सम्भावनाएं हैं। यहां एक मेडी सिटी की सम्भावना पर भी विचार किया जाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि जहां आयुर्वेद, एलोपैथिक होम्योपैथिक, प्राकृतिक चिकित्सा सभी प्रणालियों की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हों। पर्वतीय क्षेत्रों में पैदा होने वाली जड़ी बूटी के लिए प्रोसेसिंग हब स्थापित किए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आईटी, बायोटेक्नोलोजी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भी काफी सम्भावनाएं हैं। धार्मिक, साहसिक, सांस्कृतिक, नेचर, वैलनेस, विलेज टूरिज्म के माध्यम से उत्तराखंड की पहचान बहुआयामी पर्यटन हब के तौर पर बनाई जा सकती है। 13 डिस्ट्रिक्ट-13 न्यू डेस्टीनेशन के तहत सभी जिलों में एक-एक नया टूरिस्ट डेस्टीनेशन विकसित किया जा रहा है।