भूखे-प्यासे बुंदेलखंड में अनाज की लूट
ओरछा, 14 मई (आईएएनएस)| बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया ने एक बार अकाल की स्थिति के बारे में कहा था कि ‘बुंदेलखंड के लोगों को पुराने पापों की सजा भोगनी पड़ रही है और इसका डर दिखाकर कई राजनेता और कथित तिलकधारी लोगों से अनाज लूटने में लगे हैं।’ ओरछा में आयोजित जन-आंदोलन 2018 के दो दिवसीय सम्मेलन में यह खुलासा हुआ है।
सम्मेलन में पहुंचे बुंदेलखंड के लोगों ने पानी से लेकर अनाज तक की समस्या का अपना दर्द यहां खुलकर सुनाया। क्षेत्र के 13 जिले जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आते हैं, वहां बुरा हाल है। पीने के पानी और पेट भरने के लिए दाने के लाले पड़े हुए हैं। गांव खाली हो चले हैं, बस्तियों में ताले लटके हैं, कई-कई किलोमीटर का रास्ता तय करने पर पीने का पानी नसीब हो पा रहा है।
टीकमगढ़ के राम प्रताप ने बताया कि इन दिनों बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों से लेकर गांव तक में धार्मिक आयोजनों का दौर चल रहा है, इस आयोजन का मकसद अकाल से मुक्ति बताकर अनाज और पैसों की उगाही की जाती है। ग्रामीणों से कथित धर्मगुरु आकर कहते हैं, तुम लोगों ने बहुत पाप किए है, इसलिए यह अकाल के हालात बने हैं, इससे मुक्ति पाने के लिए पूजा-पाठ जरूरी है। ग्रामीण बहकावे में आकर अपने घर में रखा अनाज उन्हें सौंप देते हैं।
घुवारा के बमनौरा में यह धर्मगुरु एक किसान के घर से कई बोरी गेहूं ले गए। बुजुर्ग मलखान सिंह ने कहा कि किसान रामलाल लोधी के घर अयोध्या की एक टोली आई और उसने दान के तौर पर अनाज की मांग की। साथ ही कहा कि वहां यज्ञ चल रहा है, सूखे से मुक्ति के लिए मदद करें। इस पर उसके यहां से लगभग चार बोरी गेहूं ले गए।
बांदा से आए राजा भैया ने अपने गांव का हाल बयां किया और बताया कि उनके यहां एक किसान की चार बीघा जमीन में अच्छी फसल थी, उस खेत में एक बड़ा बरगद का पेड़ था। खुद को पंडित बताने वाले शख्स ने कहा कि, वे यहीं अनुष्ठान करेंगे। फिर क्या था फसल की कटाई हुई, गांव के प्रभावशाली लोगों ने वहां पंडाल लगाया। उपज सहित अन्य सामान्य लेकर पंडित जी चल दिए और किसान बर्बाद हो गया।
सामाजिक कार्यकर्ता डोंगर शर्मा ने बताया कि पेयजल संकट ने बुंदेलखंड और ग्वालियर चंबल के लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर दिया है, हजारों परिवार पलायन कर गए हैं।
बुंरदेलखंड की तस्वीर भयावह है, और इसका फरेबी लोग जमकर लाभ उठाने में लगे हैं। बहरुपिये बुंदेलखंड के सीधे-साधे किसानों को ठगने में लगे हुए हैं। जरूरत है कि लोगों को जागृत किया जाए और इन बहरुपियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करे।