सर्वोच्च न्यायालय ने मामलों के आवंटन पर महान्यायवादी से मदद मांगी
नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण द्वारा दाखिल याचिका पर महान्यायवादी के.के.वेणुगोपाल से सहायता मांगी है।
शांति भूषण ने अपनी याचिका में निर्देश की मांग की कि प्रधान न्यायाधीश को मास्टर ऑफ रोस्टर के तौर पर अधिकार का इस्तेमाल वरिष्ठ न्यायाधीशों से परामर्श के साथ करना चाहिए, जो कॉलेजियम के हिस्सा हैं। न्यायमूर्ति ए.के.सीकरी व न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने महान्यायवादी से पीठ की सहायता करने को कहा और मामले को 27 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
अपनी जनहित याचिका में भूषण ने कहा कि रोस्टर के मालिक के तौर पर प्रधान न्यायाधीश का अधिकार ‘परम, मनमाना, एकमात्र शक्ति’ नहीं है, जिसका उनके ‘व्यक्तिगत विवेकाधिकार’ से इस्तेमाल किया जा सकता है, और इसलिए प्रधान न्यायाधीश को दूसरे वरिष्ठ न्यायाधीशों के साथ परामर्श से अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए। वरिष्ठ न्यायाधीश भी कॉलेजियम का हिस्सा हैं।
जनहित याचिका में कहा गया है कि वरिष्ठ न्यायाधीशों के कॉलेजियम की सामूहिक राय, प्रधान न्यायाधीश के अकेले की राय के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है।