भारतीय फौज की विस्तारवादी मंशा नहीं : मोदी
तिरुवनंतपुरम, 12 अप्रैल (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारतीय फौज के लक्ष्य व तैयारी किसी देश पर कब्जा करने की मंशा से प्रेरित नहीं है, बल्कि इसका मकसद अपने लोगों की रक्षा करना है।
विदेशी उच्चाधिकारियों, कप्तानों और घरेलू सैन्य विनिर्माण कंपनियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत बुद्ध का देश है और वह हमेशा दिल जीतने में भरोसा रखता है न कि धरती जीतने में।
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के हजारों साल का इतिहास बताता है कि किसी देश पर कब्जा करना कभी हमारी मंशा नहीं रही है। देशों को युद्ध में जीतने के बजाय भारत उनके दिलों को जीतने में विश्वास करता है।
यहां रक्षा व्यापार मेले में 30 मिनट के अपने भाषण में मोदी ने कहा, वैदिक काल से ही इस देश ने दुनिया को शांति और भाईचारे का संदेश दिया।
मेले में भारत को दुनिया के बड़े युद्ध सामग्री विनिर्माता के तौर पर पेश किया गया है। कार्यक्रम चेन्नई से 40 किलोमीटर दूर कांचीपुरम जिले में हो रहा है।
उन्होंने कहा, इसी धरती से बौद्ध धर्म का प्रकाश दुनियाभर में फैला। वस्तुत: महान शासक अशोक और उनसे पहले से ही भारत ने मानवता की रक्षा को अपना परमधर्म माना है।
मोदी की यह टिप्पणी दक्षिण चीन सागर स्थित द्वीपों में चीन के बढ़ते बर्चस्व के बीच आया है, जिसके व्यापक रणनीतिक निहितार्थ हैं। इसके अलावा चीन ने पिछले साल भारत और भूटान को जोड़ने वाले डोकलाम ट्राइ-जंक्शन में अपनी सेना की तैनाती की थी।
प्रधामंत्री ने दुनिया में शांति स्थापित करने में भारतीय सैन्य बलों के योगदान की सराहना की और कहा कि आधुनिक युग में 1,30,000 भारतीय सैनिकों ने दो विश्व युद्धों में अपनी शहादत दी है।
उन्होंने कहा, भारत ने किसी देश पर अपना दावा पेश नहीं किया। लेकिन भारतीय सैनिकों ने शांति स्थापित करने और मानवीय मूल्यों को कायम करने के लिए संघर्ष किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पूरी दुनिया में सबसे बड़ी तादाद में शांतिदूत भेजा है।
मोदी ने प्राचीन भारत के चिंतक कौटिल्य का जिक्र किया, जिन्होंने 2,000 साल से भी पहले अपनी पुस्तक ‘अर्थशास्त्र’ में कहा है कि शासक को अपने नागरिकों की रक्षा अवश्य करनी चाहिए और युद्ध के बजाय शांति के मार्ग को अपनाना चाहिए।
उन्होंने कहा, भारत की रक्षा तैयारी इन विचारों से प्रेरित है। शांति के लिए हमारी प्रतिबद्धता उतनी ही दृढ़ है, जितनी कि अपने लोगों व देश की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता है और इस मकसद से अपने सैन्य बल को सुसज्जित करने के लिए हम रणनीति के तौर पर स्वतंत्र प्रतिरक्षा औद्योगिक परिसर समेत सभी जरूरी कदम उठाने को तत्पर हैं।