पंजाब में ‘नानक शाह फकीर’ फिल्म मामले में सरकारी दखल की जरूरत नहीं : अमरिंदर
चंडीगढ़, 10 अप्रैल (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 13 अप्रैल को फिल्म ‘नानक शाह फकीर’ की रिलीज का रास्ता साफ किए जाने पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि पंजाब में इस मामले में सरकार को किसी तरह के दखल देने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसी रिपोर्ट है कि फिल्म निर्माताओं ने इसे राज्य में रिलीज नहीं करने का फैसला किया है।
अमरिंदर सिंह ने मीडिया की उन खबरों को भी खारिज कर दिया जिसमें पंजाब सरकार द्वारा फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी करने की बात कही गई है।
सरकार के प्रवक्ता ने अमरिंदर सिंह के हवाले से एक बयान में कहा, पंजाब में फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने का फैसला अनावश्यक है क्योंकि फिल्म के निर्माताओं ने इसे पंजाब में रिलीज नहीं करने का फैसला किया है।
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने सोमवार को सिख समुदाय के एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं के कथित रूप से आहत होने के कारण फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। फिल्म में पहले सिख गुरु नानक देव जी को एक जीवित इंसान के रूप में चित्रित किया गया है और इसी से भावनाओं को चोट पहुंचने की बात कही जा रही है।
प्रवक्ता ने कहा, फिल्म निर्माताओं ने सर्वोच्च न्यायालय में अपनी याचिका में स्पष्ट रूप से कहा था कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए और जनभावनाएं जुड़ी होने के कारण उन्होंने फिलहाल पंजाब में फिल्म को रिलीज नहीं करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने कहा है कि वर्तमान में सरकार द्वारा कार्रवाई की कोई जरूरत नहीं है। राज्य सरकार हालात की समीक्षा करेगी और अगर भविष्य में जरूरत पड़ेगी तो उचित कदम उठाएगी। राज्य में शांति भंग करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि लेखकों और फिल्मकारों को अभिव्यक्ति की आजादी हासिल है लेकिन इस आजादी का इस्तेमाल किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए नहीं करना चाहिए। उन्होंने सिख संगठनों से फिल्म को लेकर किसी तरह की हिंसा नहीं करने की अपील की।