सिंदूर पुराना चलन नहीं, पसंद का मामला है : मसाबा गुप्ता
नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)| कुछ लोगों के लिए सिंदूर परंपरा का प्रतीक और स्त्रीत्व का उत्सव होता है, जबकि अन्य के लिए यह एक पुराना चलन है, जिसे महिलाएं खुद को शादीशुदा दर्शाने के लिए लगाती थीं।
अपने नए परिधान संग्रह को डिजाइन करने के लिए डिजाइनर मसाबा गुप्ता ने सिंदूर से प्रेरणा ली है।
उनका कहना है कि वह सिंदूर को पुराना चलन नहीं मानतीं।
लीक से हटकर कपड़े डिजाइन करने के लिए जानी जाने वाली मसाबा के नए संग्रह का नाम बर्निग गार्डन है और यह समकालीन है और इसमें सिंदूर का ट्विस्ट है।
मुंबई से ईमेल के जरिए दिए साक्षात्कार में मसाबा ने आईएएनएस को बताया, चूंकि कपड़े बहुत आधुनिक हैं, सिंदूर इसे एक अच्छा पारंपरिकता का स्पर्श प्रदान करता है। यह इस तथ्य को दर्शाता है कि सिंदूर पुराना फैशन या चलन नहीं है।
फिल्म निर्माता मधु मंटेना की पत्नी मसाबा ने कहा कि आज सिंदूर पसंद का मामला ज्यादा है।
मसाबा ने सिंदूरी रंग के साथ प्रयोग कर परिधानों को ज्यादा शहरी और युवा लुक प्रदान किया है।
मसाबा ने कहा, हमने रंगों के साथ प्रयोग करने का फैसला किया। सफेद सिंदूर फैशन स्टेटमेंट है, जबकि हॉट पिंक पारंपरिक सिंदूर से थोड़ा अलग है। हॉट पिंक आधुनिक भारतीय महिला का प्रतिनिधित्व भी करता है..अगर कोई अलग व दिलचस्प तरीके से सिंदूर लगाना चाहता है, तो यह ऐसा करने का बेहतर तरीका है।
यह पूछे जाने पर कि महिलाओं को अक्सर सिंदूर लगाने या नहीं लगाने पर कि वे पारंपरिक हैं या ज्यादा आधुनिक नहीं है, इस आधार पर आंका जाता है, क्या इस वजह से सिंदूर के इस्तेमाल में कमी आ रही है? नीना गुप्ता व दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी विवियन रिचर्ड्स की बेटी मसाबा ने कहा, हां, मुझे ऐसा लगता है। एक डिजाइन हाउस के रूप में हमारे पास आवाज बुलंद करने का जरिया है और एक महिला होने के नाते, मेरी एक राय है, जिससे महिलाएं जुड़ सकती हैं..सिंदूर एक फैशन स्टेटमेंट बन सकता है और आपके दैनिक जीवन का हिस्सा हो सकता है, इस परिधान संग्रह के जरिए हम आधुनिक महिला की पसंद पर जोर दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, यह फैसला करना आधुनिक दौर की महिलाओं के ऊपर है कि सिंदूर को वे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाए या नहीं। इसलिए हमने विभिन्न अवतार दर्शाए हैं, जैसे साड़ी से लेकर हल्के परिधान व कुर्ता सेट।