अमृतसर, 2 अप्रैल (आईएएनएस)| इराक के मोसुल में 2014 में आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा मारे गए 38 भारतीयों के पार्थिव अवशेष सोमवार दोपहर भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान से यहां पहुंचे।
विदेश राज्यमंत्री वी.के सिंह विमान में पार्थिव अवशेषों के साथ थे।
सिंह ने मीडिया से कहा, हम पीड़ितों का पता लगाने और शवों को जमीन से खोदकर निकालने में इराक की मदद के आभारी हैं। लापता भारतीयों की खोज के लिए भारत सरकार ने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए।
इस्लामिक स्टेट ने जून, 2014 में मोसुल पर कब्जा करने के बाद 39 भारतीयों की हत्या कर दी थी, लेकिन 38 भारतीयों के पार्थिव अवशेष ही वापस लाए गए हैं, क्योंकि एक शव की पहचान अभी भी बाकी है।
पंजाब के 27 और हिमाचल प्रदेश के चार लोगों के ताबूत अमृतसर हवाईअड्डे पर संबंधित अधिकारियों को सौंप दिए गए हैं, जबकि सात ताबूतों को पश्चिम बंगाल (3) और बिहार (4) ले जाने के लिए एक अन्य विमान उड़ान भरेगा।
पंजाब के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ताबूतों को लेने के लिए हवाईअड्डे पर उपस्थित थे। इसके साथ ही जिन-जिन राज्यों से मृतकों को संबंध था, उन राज्यों के अधिकारी भी हवाईअड्डे पर मौजूद थे।
अधिकारियों ने पीड़ितों के परिवारों से ताबूतों को न खोलने के लिए कहा है, क्योंकि मृतकों के अवशेष कब्रों से निकाले गए थे और उनसे जहरीले गैसों का उत्सर्जन हो सकता है।
अधिकांश ने हालांकि इस दिशानिर्देश को अस्वीकार कर दिया है और कहा है कि वे पारंपरिक तौर पर अवशेषों का अंतिम संस्कार करेंगे।
गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 20 मार्च को संसद को सूचित किया था कि इराक में मजदूरी कर रहे जिन 39 भारतीयों का 2014 में मोसुल से अपहरण हो गया था, उनकी हत्या हो गई है।
इससे पहले इराक से बच निकले हरजीत मसीह ने दावा किया था कि आईएस ने 39 भारतीयों की गोली मारकर हत्या कर दी है। इसके जबाव में विदेश मंत्री ने कहा था कि जब तक इस संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता, वे किसी की मृत्यु की पुष्टि नहीं कर सकतीं।