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पंजाब एवं हरियाणा में एससी/एसटी एक्ट पर फैसले के खिलाफ बंद

चंडीगढ़। अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) अत्याचार रोकथाम अधिनियम को कमजोर करने को लेकर आपत्ति जताते हुए विभिन्न दलित संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पंजाब और हरियाणा में विरोध–प्रदर्शन किया।

तलवारें, लाठियां, बेसबाल बैट और झंडे लिए सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने जालंधर, अमृतसर, बठिंडा में दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों को जबर्दस्ती बंद करा दिया।

रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ प्रदर्शनकारियों ने सोमवार सुबह अमृतसर जिले में एक ट्रेन रोकने की कोशिश की, लेकिन रेलवे अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद उन्होंने ट्रेन को
जाने दिया।

प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन के अंदर भी दाखिल हो गए। उन्होंने ट्रैक पर पुतले भी जलाए। कुछ राजमार्गो व सड़कों को भी जाम कर दिया गया है, जिसके कारण चंडीगढ़ व आसपास के इलाकों में आवागमन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ।

पड़ोसी राज्य हरियाणा के रोहतक व दूसरे शहरों में भी विरोध प्रदर्शनों की खबरें मिली हैं। राज्य में दुकानें, शैक्षिक संस्थान व अन्य प्रतिष्ठान बंद हैं। पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षाओं की अंतिम प्रेक्टिकल परीक्षा सोमवार को होनी निर्धारित थी, लेकिन अब इसे 11 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा।

विभिन्न दलित संगठन अधिनियम को कमजोर करने के लिए खिलाफ जिलों में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेंगे। पंजाब सरकार ने सोमवार को होने वाले विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर एहतियाती उपाय के तौर पर रविवार को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का आदेश दिया था।

पंजाब में सभी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक दलित आबादी है। राज्य की 2.8 करोड़ आबादी में 32 फीसदी दलित हैं। राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं रविवार शाम 5 बजे से सोमवार शाम तक बंद कर दी गई हैं।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार पहले ही सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर करने का अपना निर्णय घोषित कर चुकी है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एससी/एसटी समुदाय से याचिका पर अंतिम निर्णय आने तक अपना विरोध प्रदर्शन रोकने की अपील की है।

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