पटना, 31 मार्च (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत के खिलाफ करीब एक हफ्ते पहले गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद भी बिहार पुलिस उसे अबतक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। शाश्वत पर बिहार के भागलपुर जिले में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने का आरोप है। पुलिस औरंगाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने वाले मुख्य आरोपी और पुलिस हिरासत से भागने में सफल होने वाले अनिल सिह को भी खोज निकालने में विफल रही है।
शाश्वत और सिंह दोनों फरार हैं।
भाजपा नेता शाश्वत की गिरफ्तारी के लिए हालांकि पांच सदस्यीय टीम गठित की गई है, लेकिन अभी तक टीम ने इस संबंध में कोई प्रगति नहीं की है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, पुलिस दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
पिछले हफ्ते शाश्वत के खिलाफ भागलपुर में बिना अनुमति के जुलूस निकालने, सांप्रदायिक भावना भड़काने और सड़क पर हथियारों के साथ जुलूस निकालने के लिए मामला दर्ज किया गया था।
शाश्वत के पिता अश्विनी चौबे ने इस संबंध में दर्ज एफआईआर को ‘कचरा का एक टुकड़ा’ कहा, जो कि भागलपुर में ‘भ्रष्ट पुलिस अधिकारी’ द्वारा दर्ज किया गया है।
शाश्वत ने पिछले लोकसभा चुनाव में भागलपुर से चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था।
रामनवमी के जुलूस के दौरान औरंगाबाद में सांप्रदायिक दंगा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार अनिल सिंह दो दिन पहले पुलिस के हिरासत से फरार हो गया था।
माना जा रहा है कि हिंदू सेवा समिति से संबद्ध सिह ने औरंगाबाद में हिंसा फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता हालांकि कह रहे हैं कि बिहार में कानून का शासन है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बिहार में औरंगाबाद, नवादा, मुंगेर, भागलपुर और नालंदा जैसे जिले सांप्रदायिक तनाव की चपेट में हैं। प्रभावित शहरों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।
पिछले सप्ताह औरंगाबाद में रामनवमी के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक तनाव शुरू हुआ था, जो बढ़कर समस्तीपुर, मुंगेर, नालंदा, शेखपुरा और गया जिले में फैल गया।
विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि वह स्थिति को संभालने में विफल रहे।