एससी/एसटी अधिनियम मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकता है केंद्र
नई दिल्ली, 29 मार्च (आईएएनएस)| केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि सरकार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम में कड़े प्रावधानों को कमजोर करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर विचार कर रही है।
प्रसाद ने कहा, सरकार ने एससी/एसटी अधिनियम में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर संज्ञान लिया है। मैंने पहले ही काूनन मंत्रालय को इस संबंध में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल कराने को लेकर वांछनीयता की जांच करने के लिए कहा है।
दलित मंत्रियों और सांसदों के एक दल ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की अगुवाई में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी।
बैठक के बाद, पासवान और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि सरकार एससी-एसटी अधिनियम के कुछ प्रावधानों को कमजोर करने को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए ‘प्रतिबद्ध’ है।
पासवान ने कहा कि मोदी के साथ बैठक सकारात्मक रही और प्रतिनिधिमंडल ने एससी और एसटी से संबंधित मुद्दों, जैसे निजी क्षेत्र में आरक्षण और सार्वजनिक क्षेत्र में पदोन्नति जैसे मुद्दों के बारे में अवगत कराया।
सर्वोच्च न्यायालय ने 20 मार्च को दिए अपने आदेश में कहा था कि इस अधिनियम के अंतर्गत आरोपियों की गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है और प्रथमदृष्टया जांच और संबंधित अधिकारियों की अनुमति के बाद ही कठोर कार्रवाई की जा सकती है।