राष्ट्रीय

देश का चित्र विदेश में कैसे रखेंगे, अधिकारियों की कुशलता पर निर्भर : नाईक

लखनऊ, 28 मार्च (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक भारत का चित्र विदेशों में भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों के प्रदर्शन के आधार पर बनता है। सरकारी नौकरी में देश की सेवा करने की दृष्टि होनी चाहिए। विदेश सेवा से जुड़े अधिकारी का मुख्य कार्य परस्पर सम्पर्क और समन्वय करना होता है।

राज्यपाल ने यहां भारतीय विदेश सेवा 2017 बैच के 7 प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि देश में उद्योग बढ़ाने के लिए छोटी-छोटी बातों का भी विशेष महत्व होता है। विदेश सेवा के अधिकारी समय पर जानकारी प्राप्त करके देश को उससे अवगत कराएं। भविष्य की संभावना की ष्टि से कुछ नया करने पर विचार करें। लोगों को भी नजर आना चाहिए कि आप कुछ विशेष कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश का चित्र विदेश में कैसे रखेंगे यह अधिकारियों की कुशलता पर निर्भर होता है।

राज्यपाल ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि वे मुंबई से लगातार तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहे हैं। पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए उन्होंने विदेशों में पेट्रोलियम में नवोनमेष विचारों को लेकर भारत की ओर से कई रोड शो किये। पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए रूस के सखालीन में 8 हजार करोड़, सूडान में 32 सौ करोड़ का निवेश तथा इराक के राष्ट्राध्यक्ष सद्दाम हुसैन से भेंट करके चर्चा की जिसका भारत का आर्थिक लाभ भी हुआ।

राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों को ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का मर्म समझाते हुए व्यक्तित्व विकास के चार मंत्र भी बताए कि सदैव प्रसन्नचित्त रह कर मुस्कराते रहें, दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करें और अच्छे गुणों को आत्मसात करने की कोशिश करें, दूसरों को छोटा न दिखाएं तथा हर काम को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें।

नाईक ने सभी प्रशिक्षुओं से परिचय प्राप्त किया तथा अपनी पुस्तक व कार्यवृत्त की प्रति भेंट की।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close