उप्र : टेरर फंडिंग करने वाले 10 गिरफ्तार
लखनऊ, 25 मार्च (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 10 सदस्यों को लखनऊ, गोरखपुर, प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश राज्य के रीवा जिले में छापा मारकर गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए लोगों ने पाकिस्तान से चल रहे आतंकी संगठनों के लिए टेरर फंडिंग करने की बात स्वीकारी है। इनके पास से 42 लाख रुपये नकद, स्वैप मशीन, कई इलेक्ट्रॉनिक मशीनें और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं।
एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने रविवार को बताया कि में पकड़े गए लोगों में संजय सरोज व नीरज मिश्रा निवासी प्रतापगढ़, साहिल मसीह निवासी लखनऊ, उमा प्रताप सिंह निवासी रीवा मध्य प्रदेश, मुकेश प्रसाद निवासी गोपालगंज बिहार, निखिल राय उर्फ मुशर्रफ अंसारी निवासी कुशीनगर, अंकुर राय निवासी आजमगढ़, दयानन्द यादव, नसीम अहमद व नईम अरशद निवासीगण गोरखपुर है। जिनमें से कुछ के तार सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि इन लोगों ने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के लिए टेरर फंडिंग में मदद का जुर्म कबूला है। इन लोगों को 24 मार्च को लखनऊ, गोरखपुर, प्रतापगढ़ और मध्यप्रदेश के रीवा में हुई छापेमारी में पकड़ा गया।
आईजी असीम अरुण ने बताया कि गिरफ्तार निखिल राय का नाम वास्तव में मुशर्रफ अंसारी है और वह कुशीनगर का रहने वाला है। लेकिन इसके सभी साथी इसे निखिल के नाम से ही जानते थे। इस मामले में उसकी भूमिका की गहनता से जांच हो रही है। उन्होंने कहा कि पिछले साल मध्यप्रदेश के रीवा में हुई गिरफ्तारी से निखिल का लिंक है।
उन्होंने बताया कि अब तक जांच में चला है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर ए तैय्यबा का एक शख्स इंटरनेट के जरिए इस नेटवर्क के सदस्यों से संपर्क में रहता है। इसके आदेश पर यह लोग फर्जी नाम से बैंक एकाउंट खोलते थे और उसी के कहने पर रकम खातों ट्रांसफर की जाती थी। इसमें इन एजेंटों को कुछ प्रतिशत का कमीशन मिलता था। अभी तक एक करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन की बात सामने आयी है। पता चला कि ये सिमबॉक्स के अवैध नेटवर्क द्वारा पाकिस्तान में अपने आकाओं से संपर्क करते थे।
आईजी ने बताया कि अभी तक जो खुफिया जानकारी मिली है, उसके मुताबिक पकड़े गये लोगों के तार लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं। उनमें से कुछ लोग इसे लॉटरी फ्रॉड मान रहे थे, जबकि कुछ को साफ मालूम था कि यह आतंकी फंडिंग है। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होगी कि जिस धन का लेन-देन हुआ, वह किसके खाते में गया। इस मामले में संबंधित बैंककर्मियों की भूमिका की भी जांच होगी और दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
उन्होंने बताया कि पकड़े गए लोगों के पास से एटीएम कार्ड, 42 लाख रुपये नकद, 6 स्वैप मशीनें, मैग्नेटिक कार्ड रीडर, तीन लैपटॉप, पिस्तौल और 10 कारतूस, बड़ी संख्या में अलग-अलग बैंकों की पासबुक व कई दस्तावेज बरामद हुए हैं।