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लालू को चारा घोटाले के चौथे मामले में 14 वर्ष की जेल

रांची, 24 मार्च (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने शनिवार को चारा घोटाले के चौथे मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को 14 वर्ष की जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने इस घोटाले के अंतर्गत उन्हें दो अलग-अलग मामलों में सात-सात साल की सजा सुनाई और आदेश दिया कि दोनों सजाओं को एक के बाद एक काटना होगा।

सजा सुनाते हुए, सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने राजद प्रमुख को भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में सात वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई और 30 लाख का जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने की स्थिति में एक वर्ष की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी।

लालू प्रसाद को इसी मामले में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत भी सात वर्ष की सश्रम कारावास और 30 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।

विशेष न्यायालय के आदेश के अनुसार, दोनों सजाओं को एक के बाद एक काटना होगा, दोनों सजाएं एक साथ नहीं चलेंगी।

अदालत ने 19 मार्च को अपने फैसले में लालू प्रसाद को चारा घोटाले के चौथे मामले में दोषी ठहराया था लेकिन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया था।

रांची में चारा घोटाले में लालू प्रसाद और मिश्रा के खिलाफ पांच-पांच मामले चल रहे हैं।

इस मामले में 31 आरोपी हैं, जिनमें से 19 को दोषी ठहराया गया है जबकि 12 को बरी कर दिया गया।

लालू को पहले चारा घोटाले में 2013 में दोषी ठहराया गया था और पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

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