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शाह ने तेदेपा के निर्णय को ‘एकतरफा’ कहा, नायडू ने किया पलटवार (राउंडअप)

अमरावती/नई दिल्ली, 24 मार्च (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ने पर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू पर निशाना साधा और कहा कि उनका यह ‘एकतरफा’ निर्णय विकास के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए था। इस बयान के बाद नायडू ने भी अमित शाह को निशाने पर लेते हुए पलटवार किया।

नायडू ने शाह द्वारा उन्हें लिखे खुले पत्र के जवाब में कहा कि उन्होंने पूरी तरह से फर्जी सूचनाओं पर आधारित पत्र लिखा जिससे तेलुगू लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची।

तेदेपा ने आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग के मुद्दे पर राजग से नाता तोड़ लिया था।

शाह ने नायडू पर निशाना साधते हुए कहा कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) का राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ने का फैसला एकतरफा और पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है।

अमित शाह ने 23 मार्च को जारी हुए नौ पन्नों के पत्र में तेदेपा प्रमुख के इन आरोपों को ‘झूठा और आधारहीन’ बताया है कि भाजपा आंध्रप्रदेश के लोगों की आकांक्षाओं को लेकर संवेदनशील नहीं है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सत्ता में आने के बाद अपने पहले तीन वर्षो के दौरान राज्य के सात पिछड़े जिलों के लिए विशेष विकास सहायता के रूप में 1,050 करोड़ रुपये जारी किए।

शाह ने कहा, आश्चर्यजनक है कि राज्य ने उस पैसे का केवल 12 प्रतिशत ही खर्च किया है और 88 प्रतिशत का प्रयोग नहीं किया गया है।

शाह ने राज्य सरकार पर ‘गंभीर चूक का आरोप लगाते हुए कहा कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता’।

उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि केंद्र को अभी तक मुहैया कराए गए धन के प्रयोग की समुचित जानकारी नहीं दी गई है, खासकर विकास निधि से संबंधित खर्च की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

शाह ने कहा, 2016-17 में पिछड़े जिलों के लिए आवंटित फंड में से खर्च की गई केवल 12 प्रतिशत राशि के प्रयोग प्रमाण-पत्र पेश किए गए हैं।

उन्होंने कहा, आगे धन जारी करने के लिए यह जरूरी है कि केंद्र सरकार को प्रयोग की गई पूरी राशि के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जाए, इसलिए धन नहीं दिए जाने को लेकर आरोप नहीं लगाए जा सकते। इसलिए आपका यह बयान कि राज्य सरकार पर खर्च का ब्योरा देने का दायित्व नहीं है, सरकार की नाकामी दर्शाता है।

शाह ने कहा कि भाजपा आंध्रप्रदेश में विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से, विभाजनकारी राजनीति की वजह से आपकी पार्टी ने राजग को छोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि ‘इसका आशय यही है कि तेदेपा ने यह निर्णय विकास कारणों से नहीं, बल्कि पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित होकर लिया है’।

इसपर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू ने पलटवार करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पत्र को राज्य के लोगों का अपमान बताया।

विधानसभा में तेलुगू देशम पार्टी(तेदेपा) प्रमुख नायडू ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा अध्यक्ष तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं और तेलुगू लोगों की भावनाओं का अपमान कर रहे हैं।

भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का साथ छोड़ने के पार्टी के निर्णय का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि यह लोगों की भावनाओं के अनुरूप किया गया क्योंकि लोग केंद्र सरकार द्वारा ठगा हुआ महसूस कर रहे थे। राजग ने अपने गठबंधन के साथियों और राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।

तेदेपा नेता ने कहा कि भाजपा ने राज्य के साथ कांग्रेस से भी ज्यादा अन्याय किया है। कांग्रेस ने जहां जल्दबाजी में राज्य का बंटवारा कर दिया, वहीं भाजपा आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत राज्य के साथ किए गए वादे को निभाने में विफल रही।

इससे पहले नायडू के बेटे व कैबिनेट मंत्री नारा लोकेश ने भी अमित शाह के उन आरोपों को खारिज किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा जारी फंड के संबंध में राज्य ने अभी तक केंद्र को प्रयोग (यूटीलाइजेशन) प्रमाणपत्र दाखिल नहीं किया है।

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