राष्ट्रमंडल खेलों की सूची से नाम काटने पर बत्रा ने उठाए सवाल
नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)| भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने गुरुवार को खेल मंत्रालय द्वारा चार अप्रैल से आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए जारी की गई सूची में से 21 अधिकारियों के नाम को काटने पर सवाल उठाए हैं।
सूची के अनुसार मंत्रालय ने आईओए के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी और सहायक फिजियोथेरेपिस्ट के अलावा राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के कुछ और अधिकारियों के नाम सूची से हटा दिए हैं।
आईओए अध्यक्ष ने भारतीय दल के गोल्ड कोस्ट रवाना होने से पहले आयोजित किए गए विदाई समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, मुझे अभी तक मंत्रालय से आधिकारिक सूची नहीं मिली है, लेकिन मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला है कि 21 नामों को सूची में हटा दिया गया है। इन नामों में मुख्य स्वास्थय अधिकारी और सहायक फिजियोथेरेपिस्ट का नाम शामिल है।
उन्होंने कहा, मैं यहां खेल मंत्रालय के साथ आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेलने नहीं आया हूं। अंतिम सूची मंत्रालय ने तय की थी। आईओए तो एक पोस्टमैन की तरह है, एनएसएफ हमें सूची भेजते हैं जो हम मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेज देते हैं। एनएसएफ स्वायत्त संस्थाएं हैं। नाम काटना हमारे हाथ में नहीं है, यह अधिकार मंत्रालय के पास है।
बत्रा ने कहा कि फिजियो और स्वास्थ्य अधिकारी किसी भी दल के लिए जरूरी होते हैं और अगर खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता तो तो फिर इसकी जिम्मेदारी मंत्रालय को लेनी होगी।
बत्रा ने कहा, मैं फिजियो को बाहर करने के पीछे कोई वजह नहीं देखता, वो टीम के लिए जरूरी हैं। अगर किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता है तो इसके लिए खेल महासंघ को दोष मत दीजिएगा, न ही खिलाड़ी को। इसके लिए मंत्रालय को जिम्मेदारी लेनी होगी।
बत्रा ने जब से आईओए के अध्यक्ष का पद संभाला है, तब से उनका खेल मंत्रालय से टकराव होता रहा है। इस पर बत्रा ने कहा, मंत्रालय के साथ मेरी कोई दुश्मनी या लड़ाई नहीं है। हम महासंघ और खिलाड़ियों की जरूरत और मांग के समझते हैं, लेकिन कहीं न कहीं मंत्रालय के नौकरशाहों के साथ तालमेल में कमी रह जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष बत्रा ने कहा, आप इंचोन 2014 एशियाई खेलों में मुक्केबाज सरिता देवी का उदाहरण ले लीजिए। उनके साथ विरोध जताने के लिए उस समय कोई नहीं था क्योंकि कोच को अगले मैच की तैयारी करनी थी।
उन्होंने कहा, कोई अतिरिक्त अधिकारी नहीं है, जो जनता के पैसे पर छुट्टियों पर जा रहे हों। 33 फीसदी कोटा है और इसके अलावा कोई अधिकारी जाता है तो इसका खर्च एनएसएफ वहन करते हैं। मेरे पास उनका नाम हटाने का कोई अधिकार नहीं है।