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मां के निधन के वक्त सूख गए थे संजय दत्त के आंसू, तीन साल बाद हुआ कुछ ऐसा कि फूट-फूट कर रो पड़े

मुंबई। संजय दत्त उर्फ संजू बाबा की पहचान बॉलीवुड में एक्शन हीरो के रुप में होती है। हम कई फिल्मों में संजू बाबा का यह एक्शन अवतार देख चुके हैं।

हमने कई फिल्मों में देखा है कि संजय के एक पंच से विलन कई दफा हवा में पलटी खाते हैं। लेकिन रियल लाइफ में ठीक इसका उल्टा है। संजय रियल लाइफ में बहुत इमोशनल हैं। उनके बारे में यह खुलासा यासिर उस्मान की किताब ‘संजय दत्त: द क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलिवुड बैड बॉय’ से हुआ है।

इस किताब में संजय के बारे में ऐसी-ऐसी बातें बताई गईं हैं जिसके बारे में कभी किसे ने नहीं सुना होगा। उस्मान ने संजय के हवाले से लिखा है कि संजय की मां नरगिस का निधन उनकी पहली फिल्म ‘रॉकी’ की रिलीज से ठीक पहले ही हुआ था। उस वक्त संजय नहीं रोए लेकिन तीन साल बाद एक टेप में मां की आवाज सुनते ही वह बच्चों की तरह फूट-फूटकर चार दिन तक रोते रहे।

किताब में लिखा है, ‘मां की मौत के तीन साल बाद संजय अमेरिका में नशीली दवा की लत से छुटकारा के लिए उपचार केंद्र में थे। इस दौरान मदद के लिए पिता सुनील दत्त ने नरगिस के अंतिम दिनों के कुछ रिकॉर्ड किए हुए टेप उन्हें भेजे थे। संजय को जब अपने पिता से टेप मिला तो उन्हें पता नहीं था कि उसमें क्या है। उन्होंने उसे बजाया और अचानक ही कमरे में नरगिस की आवाज गूंजने लगी।’

किताब के मुताबिक, ‘मां की आवाज गूंजने पर संजय को अपना बचपन याद आ गया। उनकी मां की आवाज कमजोर और दर्द से भरी हुई थी लेकिन तब भी वह अपने बेटे के सपनों की बातें कर रही थीं और उन्हें सलाह दे रही थीं। मां की आवाज सुन संजय को अहसास हुआ कि मां उन्हें कितना प्यार करती थीं। इसी के बाद वह चीख-चीखकर रोने लगे और चार दिनों तक उनके आंसू नहीं थमे।’

आपको बता दें कि इस किताब में संजय के जीवन के अनसुने किस्सों का जिक्र किया गया है। किताब में उनकी अच्छी-बुरी आदत, संघर्ष व कामयाबी का भी जिक्र है।

 

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