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अनाज पैदा करने में अव्वल पंजाब को कृषि कर्मन पुरस्कार

नई दिल्ली, 17 मार्च (आईएएनएस)| पंजाब ने मुल्क में अनाज की पैदावार में विस्तार करने के लिए साल 2015-16 का कृषि कर्मन पुरस्कार प्राप्त किया है। राज्य के ग्रामीण विकास पर पंचायत मंत्री स. तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने यह पुरस्कार शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में एक समारोह में प्राप्त किया।

केंद्र सरकार की तरफ से देश की अन्न पैदावार बढ़ाने के क्षेत्र में हर वर्ष दिया जाने वाला कृषि कर्मन पुरस्कार प्राप्त करने वाले राज्य को 2 करोड़ रुपये की राशि के साथ-साथ एक स्मृति चिन्ह और ताम्रपत्र दिया जाता है। यह पुरस्कार अनाज पैदावार में बेहतरीन कारगुजारी के साथ-साथ गेहूं, चावल, दालें और मोटे अनाज की पैदावार में अग्रणी रहने वाले सूबों को भी दिया जाता है।

इस मौके पर पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि कृषि सेक्टर देश में कोई लाभदायक सेक्टर नहीं है क्योंकि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का फैसला अब भी पुराने फार्मूले के आधार पर किया जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाब में दूसरे राज्यों के मुकाबले कृषि पर लागत अधिक आती है, जिसका केंद्रीय कमीशन की तरफ से न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के अवसर पर ध्यान नहीं रखा जाता।

उन्होंने साथ ही कहा कि सूखे के मायने भी पंजाब में अलग हैं और फसलों की सिंचाई पर दूसरे सूबों के मुकाबले अधिक खर्चा आता है। उन्होंने कहा कि ऐसे अन्य भी बहुत से पहलू हैं जिनको फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करते समय केंद्रीय कमीशन को ध्यान में रखना चाहिए।

बाजवा ने देश के किसानों को बचाने के लिए मोदी से मांग की है कि स्वामीनाथन रिपोर्ट को संपूर्णता से लागू किया जाए। उन्होंने साथ ही यह भी मांग की कि फसलीय विविधता को कामयाब करने के लिए मार्केटिंग संबंधी एक राष्ट्रीय नीति बनाने की सख्त जरूरत है तभी देश में कृषि विविधता सफल हो सकती है, विशेषकर यह पंजाब के लिए तो बहुत ही अधिक अपेक्षित है।

बाजवा ने कहा कि पंजाबियों ने तो देश का पेट भरने के लिए अपना वातावरण और मिट्टी को भी जहर बना लिया है, परंतु केंद्र द्वारा पंजाब के किसानों की इस मुसीबत की घड़ी में कोई मदद नहीं की जा रही, भू-जल स्तर दिन प्रतिदिन तेजी से गिरने के कारण पंजाब की धरती बंजर होने के कगार पर खड़ी है, इसके बावजूद केंद्र का पंजाब के प्रति ऐसा व्यवहार बहुत ही निंदनीय है।

उन्होंने केंद्र से मांग की कि पंजाब में कर्ज के बोझ के कारण आत्महत्याएं कर रहे किसानों के लिए कर्ज मुक्ति स्कीम का ऐलान हो। इसके साथ ही उन्होंने फव्वारा व बूंद सिंचाई प्रणाली को पंजाब में और प्रफुल्लित करने और सदियों पुराने नहरी प्रबंध के नवीनीकरण के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता प्रदान करने की अपील भी की।

कृषि निदेशक जसवीर सिंह बैंस ने कहा कि पंजाब ने कृषि कर्मन पुरस्कार 2013-14, 2012-13, 2011-12 और 2010-11 में भी प्राप्त किया था।

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