लोकसभा में हंगामं के बीच दो विधेयक पारित, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
नई दिल्ली, 15 मार्च (आईएएनएस)| लोकसभा में गुरुवार को विपक्षी पार्टियों के हंगामे के बीच दो विधेयक पारित किया गया। इस बीच विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप इकट्ठे होकर तख्तियां दिखाई और नारे लगाए।
श्रम राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने सदन के समक्ष कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी देने के संबंध में (संशोधन), विधेयक 2017 रखा, जिसे हंगामे के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
सरकार ने उसके बाद विशिष्ट राहत (संशोधन) विधेयक, 2017 सदन के समक्ष रखा और इसे भी हंगामे के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
जैसे ही सरकार ने ग्रेच्यूटी भुगतान विधेयक पारित करने के लिए आगे बढ़ाया, अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह सहमत हैं कि इस पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन इसे पारित किया जाना भी जरूरी है।
उन्होंने कहा, मैं सहमत हूं कि चर्चा होनी चाहिए। लेकिन यह संभव नहीं है और विधेयक को पास करना जरूरी है।
जिसके बाद कांग्रेस के सदस्यों ने जोर से ‘ना’ कहकर विरोध जताया।
इस बीच रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य एन.के. प्रेमचंद्रन और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी द्वारा पेश संशोधन को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया जबकि सरकार के संशोधन को स्वीकार कर लिया गया।
ग्रेच्यूटी भुगतान अधिनियम,1972 से किसी प्रतिष्ठान, फैक्ट्री, खनन, तेलक्षेत्र, वृक्षारोपण, बंदरगाह, रेलवे, कंपनी और दुकानों में 10 से ज्यादा काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी देने का प्रावधान है।
कर्मचारियों द्वारा इन प्रतिष्ठानों में लगातार पांच वर्ष की अवधि पूरी करने के बाद ग्रेच्यूटी दिया जाता है।
इस विधेयक से केंद्र सरकार सेवा जारी रखने के लिए मातृत्व अवकाश तय करने की अधिसूचना जारी कर सकती है और कर्मचारियों के लिए बचे ग्रेच्यूटी को तय कर सकती है।
अधिनियम के अंतर्गत, कर्मचारियों को 10 लाख रुपये से ज्यादा की ग्रेच्यूटी नहीं दी जा सकती। विधेयक में मौजूदा तयसीमा को हटाने और केंद्र सरकार द्वारा तयसीमा को अधिसूचित करने का प्रावधान है।
वहीं विशिष्ट राहत(संशोधन) विधेयक, 2017 के अंतर्गत कुछ सिविल अदालतों को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर राज्य सरकार विशेष अदालत का दर्जा दे सकती है।
विधेयक पारित होने के समय कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी, वाइएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के समक्ष इकट्ठे होकर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के बीच, लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।