एचडीआई रैंकिंग में बदलाव के लिए मोदी का विकास पर जोर
नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जमीनी स्तर पर प्रगति के लिए भारत के विकास मॉडल को ठीक करने का आह्वान किया और कहा कि विकास के मापदंड में पीछे 115 जिलों का विकास मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में देश की रैंकिंग में तेजी से परिवर्तन लाएगा। यहां संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए मोदी ने इन 115 जिलों में त्वरित परिणामों के लिए युवा व प्रेरित आईएएएस अधिकारियों की तैनाती पर भी जोर दिया।
मोदी ने कहा कि वह इन जिलों को पिछड़े जिलों के रूप में वर्गीकृत करने के खिलाफ हैं, जो विशेष विकास मापदंडों पर पिछड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की परंपरागत अवधारणा समाज की स्थिति के संदर्भ में रही है, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है।
मोदी ने कहा, अगर एक गांव के पास बिजली की सुविधा है, लेकिन पड़ोसी गांव के पास नहीं है तो क्या यह सामाजिक न्याय नहीं है कि उसके पास भी बिजली होनी चाहिए। सामाजिक न्याय के सिद्धांत हमें इसके लिए प्रेरित करते हैं।
उन्होंेने कहा कि 115 जिलों का विकास सामाजिक न्याय है।
मोदी ने कहा, अगर हमारे क्षेत्र के सभी बच्चों को शिक्षा मिलती है तो यह सामाजिक न्याय की ओर बढ़ा कदम है। अगर सभी घरों में बिजली है तो यह सामाजिक न्याय के प्रति बढ़ा कदम है। सामाजिक न्याय की अवधारणा का यह नया स्वरूप यहां कक्ष में बैठे महान लोगों के दृष्टिकोण के मुताबिक है।
उन्होंने कहा, रणनीतिक रूप से हमारे विकास मॉडल को ठीक करने की जरूरत है।
मोदी ने कहा कि चुने गए प्रतिनिधि काम करने के लिए किसी एक क्षेत्र का चयन कर सकते हैं और चीजें बदलने लगेंगी।
मोदी ने कहा, नए बजट की जरूरत नहीं है। मौजूदा संसाधन, श्रमशक्ति..अगर मिशन मोड पर काम करते हैं तो फिर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। एक साल समर्पण भाव के साथ काम करने से देश और राज्य की तस्वीर में बदलाव देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि एचडीआई की रैंकिंग में भारत 130वें स्थान पर है, अगर इन 115 जिलों की स्थिति में सुधार होता है तो इससे स्वत: ही देश की रैंकिंग में सुधार होगा।
मोदी ने कहा कि करीब 20 साल पहले राजनीतिक संघर्ष आंदोलन, बयानबाजी से जनता को लुभाने का काम होता था, लेकिन अब जनता जागरूक हो गई है और यह देखती है कि जरूरत के समय कौन से राजनेता उनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं और कौन उनके जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
मोदी ने कहा कि अगर इन 115 जिलों में युवा, ऊर्जावान अधिकारियों की तैनाती अगले कुछ सालों में हो सके तो बदलाव देखने को मिल सकता है। वह मुख्यमंत्रियों से बात कर रहे हैं कि अधिकारियों को यह चुनौती दी जाए।
उन्होंने चुने गए प्रतिनिधियों से इन जिलों के संदर्भ में खुद के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कहा।
मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय वामपंथी चरमवाद से प्रभावित 30-35 जिलों के विकास पर विशेष ध्यान दे रहा है।
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामंीण रोजगार गारंटी अधिनियम) का हवाला देते हुए उन्होंेने कहा कि बेहतर शासन वाले राज्य इस योजना से ज्यादा लाभान्वित हो रहे हैं, क्योंकि वे बेहतर तरीके से गरीबों तक इसका फायदा पहुंचाने में सक्षम हैं।
मोदी ने कहा, संसाधन समस्या नहीं हैं, सुशासन एक समस्या है, समन्वयन एक समस्या है, केंद्रित गतिविधि एक समस्या है। अगर हम इन सब पर ध्यान दें तो हम एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं।