राष्ट्रीय

उप्र : किशोरी आत्मदाह मामले में एसपी ने फिर सुर बदला

बांदा, 6 मार्च (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के बदौसा थाना क्षेत्र के गांव में कथित सामूहिक दुष्कर्म की कोशिश की सूचना देने पर पीड़िता के परिजनों को पुलिस हिरासत में रखे जाने पर क्षुब्ध होकर पीड़ित किशोरी ने आत्मदाह कर लिया था। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने मंगलवार को एक बार अपना बयान बदल दिया।

सोमवार को उन्होंने कहा था कि दो लड़कों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लेने के बाद उसके भाई ने पिटाई की थी और आत्मग्लानिक के कारण उसने आत्महत्या कर ली। लेकिन मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचीं एसपी शालिनी ने अपना बयान बदलते हुए कहा कि ‘छेड़खानी की सूचना पहले नहीं दी गई थी, अब इस मामले की जांच की जा रही है।’

पुलिस अधीक्षक शालिनी ने मंगलवार को बदौसा थाना क्षेत्र के कुल्लूखेड़ा गांव जाकर आत्महत्या करने वाली नाबालिग लड़की के परिजनों से मिली और वस्तुस्थिति की जानकारी ली और सोमवार को दिए गए बयान से एक तरह पलट गईं।

सोमवार को एपी ने कहा था कि ‘मृत लड़की को उसके भाई ने दो लड़कों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था और खेत से ही पिटाई करते हुए घर तक लाया था। इसी ग्लानि से उसने आग लगाकर आत्महत्या की है।’ लेकिन मंगलवार को अपने बयान से पलटते हुए एसपी ने मीडिया को बताया कि ‘पवन नाम के व्यक्ति ने दो परिवारों में झगड़े की सूचना दी थी और हत्या जैसी घटना की आशंका व्यक्त की थी, जिस पर डायल 100 की पुलिस पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले गई थी।’

उन्होंने कहा कि ‘पहले छेड़खानी जैसी कोई सूचना नहीं दी गई, लड़की के आत्महत्या करने के बाद अब यह बात बताई गई है। इस पर जांच की जा रही है।’ एसपी पीड़ित परिवार को गैर कानूनी ढंग से पुलिस हिरासत में रखे जाने के सवाल को हालांकि टाल गईं और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में चिकित्सकों की राय लेने की बात कही।

उल्लेखनीय है कि एसपी के सोमवार दिए गए बयान पर मृत लड़की के चाचा सुघर सिंह ने तीखी नाराजगी जाहिर की थी और उनसे पूछा था कि बिना मुकदमा दर्ज किए पुलिस उन्हें 24 घंटे तक थाने के लॉकअप में कैसे बंद किए रही? उसने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को भी सार्वजनिक करने की मांग की थी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस अधीक्षक घटना के तीसरे दिन उस गांव क्यों गईं?

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