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न्यूटन के बारे में सवाल को टाल गए मंत्री सतपाल

नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)| उच्च शिक्षा राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह बुधवार को महान वैज्ञानिक न्यूटन के गति सिद्धांत को लेकर दिए अपने पूर्व बयान पर पूछे गए सवाल को टाल गए। सत्यपाल ने कहा था कि न्यूटन से बहुत पहले प्राचीन भारत में गति सिंद्धात का जिक्र किया गया था।

एक खबर के मुताबिक, पिछले महीने केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सीएबीई) की बैठक में सत्यपाल सिंह ने कहा था कि गति का सिद्धांत भारत में बहुत पहले ही मंत्रों में सूत्रबद्ध किया गया था। खबर में बैठक के विवरण का उल्लेख किया गया है।

हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में मंत्री के इस बयान का जिक्र करते लिखा है- न्यूटन द्वारा गति के सिद्धांत का प्रतिपादन करने से पूर्व यह मंत्रों में सूत्रबद्ध था। इसलिए पाठ्यचर्या में परंपरागत ज्ञान को शामिल करना आवश्यक है। मंत्री ने यह बात जिस बैठक में कही थी उसमें नीति निर्माण पर विचार-विमर्श के लिए शिक्षा जगत के लोगों के अलावा मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे।

बुधवार को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर व्याख्यान देने के बाद सत्यपाल सिंह से जब पत्रकारों ने इस विषय पर सवाल किए तो वह उन सवालों को टाल गए।

न्यूटन पर टिप्पणी करने के पहले मंत्री ने डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत की भी उपेक्षा की थी। उन्होंने डार्विन के सिद्धांत को वैज्ञानिक रूप से गलत बताते हुए उसे शैक्षणिक पाठ्यचर्या से हटाने का तर्क दिया था।

सत्यपाल ने यहां अपने व्याख्यान में विद्यार्थियों में वैज्ञानिक मनोभाव पैदा करने और आध्यात्मिकता से उनका परिचय कराने की जरूरत बताई।

उन्होंने कहा, मैंने कुछ दिन पहले कहा था कि दिल्ली और मुंबई में हत्या से ज्यादा खुदकुशी के मामले सामने आ रहे हैं। विज्ञान हमें मानव की जिंदगी की कीमत बताता है। क्या विज्ञान हमें जीवन का महत्व बताएगा?

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