केरल : उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय कुलपति की नियुक्ति रद्द की
कोच्चि, 19 फरवरी (आईएएनएस)| केरल उच्च न्यायालय ने महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बाबू सेबस्टियन की नियुक्ति रद्द कर दी है। वह चार साल पहले कुलपति बने थे।
न्यायालय ने सोमवार को उनकी अपर्याप्त योग्यता व नियमों के खिलाफ उचित उम्मीदवार खोजने के लिए एक खोज समिति के गठन के आधार पर उनकी नियुक्ति को रद्द किया है। उच्च न्यायालय का आदेश टी.आर.प्रेमकुमार की याचिका पर आया है। प्रेमकुमार ने कोट्टायम स्थित विश्वविद्यालय के प्रमुख के तौर पर सेबस्टियन की नियुक्ति में नियमों के उल्लंघन की बात कही थी।
याचिकाकर्ता ने कहा कि दो अन्य उम्मीदवारों के पास विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा निर्धारित योग्यता थी और सेबस्टियन के पास नहीं थी, फिर भी उन्हें शीर्ष पद के लिए चुना गया।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि यूजीसी के नियमों का उल्लंघन कर नए कुलपति के चयन के लिए 2014 में खोज समिति बनाई गई थी।
फैसले के बाद प्रेमकुमार ने कहा, यूजीसी के दिशा-निर्देश साफ हैं कि किसी भी विश्वविद्यालय की सीनेट या सिंडिकेट से किसी को भी खोज समिति में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन, तत्कालीन कांग्रेस विधायक, जोकि इन निकायों के सदस्य थे, इस खोज समिति के सदस्यों में शामिल रहे। मैं बहुत खुश हूं कि मैंने जिस मुद्दे को उठाया, वह सही साबित हुआ।
सेबस्टियन का संबंध तत्कालीन कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के एक शीर्ष नेता से था और यह सभी को पता था। ऐसे में यह माना गया कि उनका चयन तो होना ही था।
उच्च न्यायालय के फैसले के बाद सेबस्टियन ने मीडिया से कहा कि उनके पास अभी फैसले की प्रति नहीं है।
उन्होंने कहा, मैं कानूनी सलाह लूंगा कि क्या करना चाहिए। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब मेरे कार्यकाल के छह माह बाकी हैं।