‘मप्र के ओला पीड़ित किसानों का कर्ज माफ करे शिवराज सरकार’
भोपाल, 13 फरवरी (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। बड़े पैमाने पर हुए नुकसान ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया है।
हर तरफ से किसान सहायता की मांग कर प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्ष ने सरकार के रवैए को किसान विरोधी करार दिया है और प्रभावित किसानों को मुआवजे के साथ कर्जमाफी की मांग की है। बारिश और ओलावृष्टि से बड़े पैमाने पर हुए नुकसान से गुस्साए किसान मदद के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के गृह जिले की नसरुल्लागंज तहसील के सामने किसानों ने धरना दिया। वहीं अशोकनगर में किसानों ने मंत्री लाल सिंह आर्य का घेराव कर जमकर नारेबाजी की।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने मंगलवार को देवास जिले के कई गांवों में पहुंचकर ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों से मिले और उनके दर्द में सहभागी बने। उन्होंने कहा कि जिले के अधिकांश गांवों में ओलावृष्टि से 100 फीसदी फसलों का नुकसान हो चुका है, पहले से ही बर्बाद किसान ओलावृष्टि के बाद और भी अधिक परेशान हो गया है।
यादव का आरोप है कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन का रवैया किसानों के प्रति संवेदनहीन है। वे भोपाल में किसान सम्मेलन में कहते हैं कि, न मैं रोऊंगा, न किसान भाई-बहनों को रोने दूंगा वहीं एक घंटे बाद छिंदवाड़ा पहुंचकर सार्वजनिक कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ नाचते हैं। यह उनके वास्तविक चेहरे को बेनकाब करता है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक अग्रवाल मंगलवार को बुधनी विधामसभा के ओला प्रभावित गांवों के दौरे पर पहुंचे, इसके बाद वे नसरूल्लागंज में हड़ताल कर रहे किसानों से मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार असंवेदनशील, किसान विरोधी और सत्ता के मद में चूर है।
उन्होंने कहा, खुद को किसान पुत्र कहने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भीतर जरा भी शर्म बची है, तो उन्हें तत्काल किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए।
माकपा राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि गेहूं की फसल दो हजार रुपये प्रति क्विंटल खरीदने और पिछले साल की गेहूं और धान की खरीदी पर दो सौ रुपये प्रोत्साहन राशि दिए जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा किसानों को बहलाने और ‘चुनावी खेती में वोटों की फसल काटने की एक असफल कोशिश है।’ मुख्यमंत्री को इसे चुनावी घोषणा बनाने की बजाय इस पर वास्तविक अमल की योजना बनानी चाहिए।
माकपा ने ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों को राहत देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है, ताकि किसानों को राहत दी जा सके। माकपा ने ओला पड़ित किसानों के बिजली बिल सहित सारे कर्ज माफ करने की मांग की है।