दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंडिगो संबंधी आदेश कायम रखा
नई दिल्ली, 13 फरवरी (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अपने उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें इंडिगो एयरलाइन के परिचालन स्थल में बदलाव के दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया गया था। डायल ने अपने फैसले में इंडिगो के परिचालन के एक हिस्से को टर्मिनल एक से स्थानांतरित कर नए शुरू हुए टर्मिनल 2 से करने को कहा था।
इंडिगो बाजार हिस्सेदारी की दृष्टि से भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है। इंडिगो ने दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के एयरलाइन के एक भाग का परिचालन इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाईअड्डे के नए टर्मिनल पर स्थानांतरित करने के फैसले से जुड़े मामले को अदालत में चुनौती दी थी।
हालांकि, न्यायाधीश हिमा कोहली और रेखा पल्ली की खंडपीठ ने इंडिगो व स्पाइसजेट को डायल से संपर्क करने का एक हफ्ते की आखिरी मौका दिया, जिसमें वे डायल को अन्य क्षेत्रों का सुझाव दें, जिसे वह टी-1 से टी-2 स्थानांतरित करने के लिए तैयार है और इच्छुक है, तब तक वे सामूहिक रूप से अपने टी-1 से परिचालन का एक तिहाई यात्रियों के परिणाम के मापदंड को पूरा करेंगे।
अदालत ने कहा, इस घटना में डायल द्वारा इस तरह का एक आग्रह प्राप्त हुआ है, जिसमें निर्धारित समय के भीतर पहले कही गई बात पर विचार किया जाएगा और दोनों एयरलाइन के लिखित सूचना के तहत प्रस्ताव प्राप्त होने के एक हफ्ते के भीतर फैसला लिया जाएगा।
अदालत ने कहा, यदि निर्धारित समय के भीतर इस तरह का कोई आग्रह नहीं प्राप्त होता है, तो डायल लिखित सूचना के तहत संबंधित एयरलाइनों की टी-1 से टी-2 पर एक तिहाई उड़ानों को परिचालन के स्थानांतरण की समयसीमा तय करेगा।
बीते साल 20 दिसंबर को एकल न्यायाधीश की पीठ ने इंडिगो की याचिका को खारिज कर दिया था।
खंडपीठ ने कहा, हमारी राय है कि रद्द करने का फैसला (20 दिसंबर का आदेश) में कोई अवैधता, मनमानापन या कमी नहीं है, जिसमें दखल की जरूरत हो। इसके अतिरिक्त एकल पीठ के न्यायाधीश ने डायल द्वारा इंडिगो व स्पाइसजेट को दिए गए विकल्प के हद तक जाते हुए निर्देश दिया कि वे इस मामले में तीन चिन्हित क्षेत्रों मुंबई, कोलकाता व बेंगलुरू को छोड़कर अपने एक तिहाई परिचालन को स्थानांतरित करने का अनुरोध कर सकते हैं, ऐसा फैसले के एक हफ्ते के भीतर किया जा सकता है।