तुषार मेहता 2जी मामले में नए विशेष लोक अभियोजक
नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में नया विशेष लोक अभियोजक बनाया है। वह निचली अदालत द्वारा मामले के आरोपियों को दिसंबर में बरी किए जाने के खिलाफ अपील करेंगे। सरकार ने एक आदेश में कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए गए 2जी स्पेक्ट्रम से जुड़े मामलों की अपील/पुनरीक्षण या अन्य कार्यवाही के लिए तुषार मेहता को नामित किया गया है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और डीएमके सांसद कनिमोझी समेत 2जी घोटाले के सभी आरोपियों को 21 दिसंबर को बरी कर दिया था।
न्यायालय के फैसले के बाद सीबीआई ने कहा था कि वह फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेगी।
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने आईएएनएस से कहा, हमने फैसला आने के दिन ही कहा था कि हम उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। और इसपर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
मामले में यह कोई पहली बार सीबीआई ने अभियोजक नहीं बदला है। इससे पहले अभियोजक के. के. गोयल ने आरंभिक दिनों में मामले में अपनी दलीलें दी थीं, लेकिन बाद में उनकी जगह ए. के. सिंह को नियुक्त किया गया।
सिंह को कथित तौर पर टलीफोन पर एक आरोपी को मुकदमा लड़ने की सलाह देते हुए सुने जाने पर हटा दिया गया। उसके बाद गोयल की वापसी हुई। इसके बाद विशेष लोक अभियोजक यू. यू. ललित के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश बन जाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर को सितंबर 2014 में उनकी जगह लाया गया।
अब ग्रोवर की जगह मेहता को नियुक्त किया गया है।
वर्ष 2011 में इस घोटाले के उजागर होने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार हिल गई थी और 2014 के लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस गठबंधन को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी थी।
तत्कालीन नियंत्रक एव महालेखा परीक्षक विनोद राय की एक रपट में राजा द्वारा कथित तौर पर औने-पौने दाम पर निजी कंपनियों को स्पेक्ट्रम व टेलीकॉम लाइसेंस बेचने से देश के खजाने को 1.76 लाख करोड़ का नुकसान होने की बात उजागर होने पर यह मामला सुर्खियों में आया था।