साइंटिस्ट को मिली बड़ी कामयाबी, अब लैब में तैयार हुआ मानव अंडाणु
एडिनबरा यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ने पहली बार लैब में सफलतापूर्वक मानव अंडाणु विकसित करने का दावा किया है। इससे प्रजनन संबंधी इलाज कराने वाले दम्पतियों को आशा की नई किरण मिलेगी।
इस बात की जानकारी शुक्रवार को ‘मॉलक्युलर ह्यूमन रिप्रॉडक्शन’ पत्रिका में छपे लेख से मिली है। इससे पहले चूहे का अंडाणु लैब में तैयार किया गया था। ब्रिटेन और यूएस के वैज्ञानिकों ने इस लेख में दावा किया है कि आने वाले समय में इससे से बांझपन के इलाज में मदद मिलेगी और इंसान में उत्तकों से संबंधित मेडिसिन थेरपी को विकिसत किया जा सकता है।
दरअसल सामान्य शरीर के साथ जन्म लेने वाली हर लडक़ी तकरीबन 10 से 20 लाख अविकसित अंडाणु लेकर पैदा होती है। किशोर होने पर यही अंडे हर महीने एक-एक करके विकसित होते हैं जिसे मासिक चक्र कहा जाता है। साइंटिस्ट को मिली इस सफलता के बाद अब इन अविकसित अंडाणु को इंसान के शरीर से बाहर लैब में भी विकसित किया जा सकेगा।
अगर इसकी सफलता और सुरक्षा दरों में सुधार हो पाता है तो यह भविष्य में कैंसर के रोगियों की मदद कर सकता है, जो कीमोथेरपी उपचार के दौरान प्रजनन क्षमता को बनाए रखने, प्रजनन उपचार में सुधार लाने, और मानव जीवन के प्रारंभिक चरणों के जीव विज्ञान की वैज्ञानिक समझ को बढ़ाने में मददगार होगा।