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अभिकरणों की नियुक्तियां फिलहाल पुराने नियमों तहत : शीर्ष अदालत

नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि सभी अभिकरणों में नियुक्तियां फिलहाल पूर्व नियमों के ही अनुसार होंगी।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि अभिकरण के सदस्यों की नियुक्त व सरकार में उनकी कार्यावधि की शक्ति प्रदान करने वाले वित्त अधिनियम 2017-18 के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर जबतक फैसला नहीं हो जाता, तबतक अंतरिम व्यवस्था लागू रहेगी।

पूर्व व्यवस्था के तहत अभिकरण के सदस्यों की नियुक्ति प्रधान न्यायाधीश की ओर से मनोनीत व्यक्ति, सरकार के दो सचिवों और संबद्ध अभिकरण के अध्यक्ष की समिति द्वारा की जाती थी।

याचिकाकर्ताओं ने सवाल उठाया है कि क्या सरकार को अधिकार प्रदान करने वाले इस प्रावधान से अभिकरणों और उनके सदस्यों की नियुक्ति के जरिए प्रधान न्यायाधीश की शक्ति को वित्त विधेयक के तहत लाना है।

याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि वित्त अधिनियम 2017 के जरिए सरकार ने जो प्रावधान लाए हैं, वह शक्ति के पृथक्करण व स्वतंत्र न्यायपालिका के सिद्धांतों का उल्लंघन है।

सरकार को अभिकरणों के सदस्यों की नियुक्ति व विलय करने की शक्ति मिल जाने के बाद से इन्होंने आठ अभिकरणों का विलय किया है, जोकि अब 19 रह गए हैं। इससे पहले 26 अभिकरण थे।

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