राष्ट्रीय

जमीन हथियाने के मामले में चांडी, अन्य के खिलाफ मामला खारिज

कोच्चि, 9 फरवरी (आईएएनएस)| केरल उच्च न्यायालय ने जमीन हथियाने के कथित मामले में सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, एक शीर्ष अधिकारी व अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) शुक्रवार को रद्द कर दी।

पिछले साल फरवरी में सतर्कता विभाग के तत्काली प्रमुख जैकब थॉमस ने कांग्रेस नेता, तत्कालीन मुख्य सचिव ई. के. भारत भूषण व तीन अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद आरोपियों ने एफआईआर रद्द करवाने को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

उच्च न्यायालय ने जमीन कब्जा किए बगैर ही मामला दर्ज करने के लिए शुक्रवार को सतर्कता ब्यूरो और थॉमस को कड़ी फटकार लगाई।

मीडिया ने 2015 में आई एक रपट में दिलचस्पी दिखाई थी, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए चांडी ने अपने कार्यकाल के दौरान मुख्य सचिव को तिरुवनंतपुरम के पट्टर में केरल जल प्राधिकरण की जमीन एक प्राइवेट बिल्डर द्वारा हथियाने के मसले की तहकीकात करने को कहा था। बिल्डर वहां अपार्टमेंट व बिजनेस कांप्लेक्स बना रहा था।

बाद में उस समय विपक्ष में रहे वाम दल नेता वी.एस. अच्युतानंदन ने चांडी पर प्राइवेट बिल्डर को सरकारी जमीन देने का आरोप लगाया और इसे 2016 के विधानसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बना दिया।

मई 2016 में पिनरई विजयन की अगुवाई वाली सरकार के आने के बाद थॉमस को सतर्कता विभाग का प्रमुख बनाया गया, जिन्होंने फरवरी 2017 में चांडी व अन्य के खिलाफ प्राधिकरण की जमीन का दुरुपयोग करने में प्राइवेट बिल्डर को मदद करने के लिए मामला दर्ज किया।

उच्च न्यायालय द्वारा मामले को खारिज करने के आदेश दिए जाने पर भारत भूषण ने पत्रकारों से बातचीत में खुशी जाहिर की।

उन्होंने कहा, 36 साल के निष्कलंक पेशेवर जीवन के अंत में जो पीड़ा मैंने महसूस की है, उसे कोई नहीं जान सकता। मुझे राजनीतिक लड़ाई का शिकार बनाया गया।

उधर, प्रदेश के कानून मंत्री ए. के. बालन ने कहा कि आगे की कार्रवाई से पहले वह अदालत के आदेश का अध्ययन करेंगे।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close