राष्ट्रीय

विपक्ष ने दोपहर बाद राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया

नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)| विपक्ष ने मंगलवार को मध्यान्ह भोजन के बाद राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। विपक्ष की शिकायत थी कि उसकी आवाज संसद के अंदर व बाहर दबाई जा रही है।

सदन के अपरान्ह 2 बजे शुरू होने पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बीते दिनों से शून्यकाल और प्रश्नकाल के आयोजन के बिना ही सदन के स्थगित होने का मुद्दा उठाया।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि संसद ‘नियम, विनियम, प्रक्रिया व परंपराओं के अनुसार काम करती है, किसी एक की मर्जी के मुताबिक नहीं।’

आजाद के साथ दूसरे विपक्षी नेता भी हो गए। इसमें समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के तपन सेन शामिल थे।

उप सभापति पी.जे.कुरियन ने कहा कि सदन में सभापति के फैसले पर सवाल नहीं किया जा सकता और असंतुष्ट सदस्य सभापति के कक्ष में उनसे मुलाकात कर सकते हैं।

इस पर नाराज आजाद ने विपक्ष के दिन भर के लिए सदन के बहिष्कार की घोषणा की और पूरा विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया। कुरियन ने सदन को अपरान्ह 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

इससे पहले सुबह डेरेक ओ ब्रायन ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी द्वारा राज्य सरकार के प्रशासनिक मामलों की उपेक्षा करने की कोशिश को लेकर नियम 267 के तहत चर्चा के लिए नोटिस दिया था।

सभापति एम.वेंकैया नायडू ने नोटिस को खारिज कर दिया था और जब शून्यकाल के दौरान ओ ब्रायन मामले पर दृढ़ रहे तो नायडू ने सदन को दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया, जिसमें प्रश्नकाल का समय दोपहर 12 बजे से एक बजे तक का समय भी निकल गया।

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