राष्ट्रीय

गिलानी, मीरवाइज हिरासत में लिए गए

श्रीनगर, 2 फरवरी (आईएएनएस)| अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक को शुक्रवार को उस समय हिरासत में ले लिया गया, जब वे नजरबंदी तोड़कर घर से बाहर निकले। जबकि यासीन मलिक को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे कश्मीर घाटी में नागरिकों के मारे जाने के विरोध में शोपियां में मार्च निकालने की कोशिश कर रहे थे। जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के नेताओं की गिरफ्तारी के फौरन बाद शोपियां में सुरक्षा बलों और पत्थर फेंक रहे युवाओं के बीच झड़प हुई।

हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक के नेतृत्व वाले अलगाववादी संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने शोपियां जिले में बीते कुछ दिनों में मारे गए पांच लोगों के परिवारों के प्रति एकजुटता जाहिर करने के लिए मार्च निकालने का आह्वान किया था।

प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन को विफल करने के लिए श्रीनगर और शोपियां में प्रतिबंध लगा दिए। रैनावाड़ी, नौहट्टा, एम.आर.गंज, सफाकदाल, खानयार, मैसुमा और क्रालखुद में पांच या उससे ज्यादा की संख्या में लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।

शोपियां जिले में हिसंक घटनाओं में पांच लोगों के मारे जाने के बाद मार्च आहूत किया गया है।

उमर फारूक नजरबंदी को धता बताते हुए श्रीनगर में अपने निगीन आवास से शोपियां में मार्च में शामिल होने बाहर निकले। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस थाने भेज दिया।

गिलानी, जो लगभग एक साल से घर में नजरबंद हैं, वह भी शोपियां मार्च के लिए अपने हैदरपोरा आवास से बाहर निकले।

पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने गिलानी को आगे जाने से रोक दिया।

शोपियां जामा मस्जिद में सामूहिक नमाज के बाद मलिक विरोध मार्च का नेतृत्व करने के लिए शोपियां पहुंचने में कामयाब रहे। मस्जिद से कुछ दूरी पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

गनौपोरा गांव में 27 जनवरी को उग्र भीड़ द्वारा सेना के काफिले पर हमला किया गया था, जिसके बाद सेना की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई थी।

वहीं, 25 जनवरी को शैगाम गांव में मलबा हटाने के दौरान हुए विस्फोट में घायल 10 वर्षीय बच्चे की गुरुवार को अस्पताल में मौत हो गई।

24 जनवरी को शैगाम गांव में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों की मुठभेड़ में एक और नागरिक की मौत हो गई थी।

पुराने शहर क्षेत्र के संवेदनशील इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जम्मू एवं कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान बड़ी संख्या में तैनात किए गए हैं। दक्षिण कश्मीर के शोपियां में भी सुरक्षा बलों को पर्याप्त संख्या में तैनात किया गया है।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close