कृषि योजनाओं में 90:10 की साझेदारी की वापसी हो : अमरिंदर
चंडीगढ़, 31 जनवरी (आईएएनएस)| पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि विकास योजनाओं में केंद्र और राज्यों की हिस्सेदारी का अनुपात 90:10 दोबारा लागू करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
साथ ही, उन्होंने विविध फसल उगाने की विधि पर भी बल दिया। अमरिंदर ने किसानों की आय बढ़ाने, कृषि विकास का ज्यादा समय तक कायम रखने व फसलों की विविधता के लिए इस पैटर्न को दोबारा अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बुधवार को उनके पत्र का जिक्र करते हुए कहा कहा, जब तक किसानों की तरफ ध्यान देने को लेकर जरूरी कदम नहीं उठाए जाते हैं और उनकी संस्थानिक मदद नहीं दी जाती है तब तक पांच साल में किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाना बिल्कुल अलक्षित मालूम होता है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में हरित क्रांति में पंजाब की अहम भूमिका का जिक्र किया और कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में भारी बढ़ोतरी हुई। आज मौजूद प्रौद्योगिकी का भरपूर इस्तेमाल हो रहा है जिससे गेंहू और धान की खेती के रकबे में इजाफा के साथ-साथ पैदावार में भी वृद्धि हुई है।
कृषि पैदावार में बढ़ोतरी के बावजूद खेती से वास्तविक आय में कमी आई है। साथ ही, प्राकृतिक संसाधनों का अतिशय दोहन होने से धान और गेहूं जैसी फसल लगाने की प्रणाली के ज्यादा समय तक बने रहने के मार्ग में खतरा पैदा हो गया है। लिहाजा, विविध फसलों की खेती की विधि को अपनाने की जरूरत है।
अमरिंदर ने 90:10 की तर्ज की कृषि योजनाओं पर केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी तय करने की मांग की। उन्होंने कहा राज्यों से अब 40 फीसदी योगदान करने को कहा गया है, जबकि उनके पास वित्तीय संसाधनों की कमी होती है और राज्य किसानों के संकट को दूर करने में असक्षम नहीं है। पंजाब भी इनसे अगल नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब का भौगोलिक क्षेत्र देश का महज 1.54 फीसदी है, लेकिन केंद्रीय अनाज भंडार में पंजाब का योगदान 50 फीसदी है।