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आठ माह की बच्ची से दुष्कर्म पर सर्वोच्च न्यायालय चिंतित

नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)| आठ माह की बच्ची के साथ उसके मौसेरे भाई द्वारा किए गए दुष्कर्म को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को चिंता जाहिर की और निर्देश दिया कि नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दो चिकित्सक बच्ची को देखने उस अस्पताल जाएं जहां वह भर्ती है और वे तय करें कि क्या उसे एम्स में स्थानांतरित किया जा सकता है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि बच्ची को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है, बल्कि चिकित्सक बच्ची को व्यक्तिगत सहायता प्रदान करेंगे।

पीठ ने बच्ची के साथ दुष्कर्म को अत्यंत गंभीर चिंता का विषय बताया और एम्स के डॉक्टरों को गुरुवार तक रपट देने का निर्देश दिया।

अदालत ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) को भी डॉक्टर के साथ बच्ची के पास जाने को कहा।

शीर्ष अदालत ने एक अधिवक्ता की ओर दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया, जिन्होंने याचिका में अदालत से अधिकारियों को बच्ची को तुरंत एम्स में स्थानांतरित करने का आदेश देते हुए उसे यथासंभव बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने की मांग की।

पीड़िता के 28 वर्षीय रिश्तेदार (मौसेरे भाई) ने रविवार को शराब के नशे में बच्ची के साथ दुष्कर्म करने की बात कबूल की।

पुलिस के मुताबिक, उत्तरी दिल्ली स्थित नेताजी सुभाष प्लेस निवासी बच्ची के माता-पिता काम पर जाया करते थे और बेटी को अपनी साली के पास छोड़ जाया करते थे। चूंकि रविवार का दिन था, इसलिए साली का बेटा घर पर था। कथित तौर पर उसने जब अपनी मां को आसपास नहीं पाया तो उसने बच्ची के साथ जोर-जबरदस्ती की।

बच्ची की मां जब अपराह्न् लगभग 12.30 बजे घर लौटी तो उसने अपनी बेटी के कपड़े पर खून के धब्बे देखकर अपने पति को इसकी खबर दी।

बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसके साथ यौन दुर्व्यवहार हुआ है। इसके बाद पुलिस बुलाई गई और मामला दर्ज किया गया। बच्ची के नाजुक अंगों में गंभीर चोट होने के कारण उसकी सर्जरी करानी पड़ी।

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